पर्व पर्युषण आया है घर घर में खुशियां लाया है

पर्युषण पर्व जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो आत्मशुद्धि, तपस्या और क्षमायाचना का संदेश लेकर आता है। पर्व पर्युषण आया है, घर-घर में खुशियां लाया है भजन इस पावन पर्व के उल्लास और धार्मिक महत्व को दर्शाता है। यह पर्व हमें आत्मसंयम, साधना और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। आइए, इस भजन के माध्यम से इस महापर्व की महिमा को आत्मसात करें और धर्म के मार्ग पर अग्रसर हों।

Parv Paryushan Aaya Hai Ghar Ghar Me Khushiya Laya Hai

पर्व पर्युषण आया है,
घर घर में खुशियां लाया है,
पर्वो का राजा कहलाये,
हम जैनो ने ये पाया है।1।

ये शास्वत महापर्व है,
आगम में जिसका बखान है,
धर्म ध्यान और क्षमादान,
ये पर्व बड़ा महान है,
जिन मंदिर और उपाश्रय में,
प्रभु भक्ति का रंग छाया है,
पर्व पर्यूषण आया है,
घर घर में खुशियां लाया है।2।

देखो चारो ओर बहारें है,
बड़े सुंदर ये नजारे है,
इस पर्व जैसा कोई पर्व नही,
देखो जागे भाग्य हमारे है,
ये आठ दिवस का उत्सव है,
जिन वाणी का महोत्सव है,
हमे मिलकर इसे मनाना है,
इस पर्व को दिल में बसाना है,
पर्व पर्यूषण आया है,
घर घर में खुशियां लाया है।3।

आओ सब प्रेम से मिलकर के,
पर्व प्रयुषण मनाएंगे,
हम राग द्वेष को त्याग दिलो में,
समता की ज्योत जगाएंगे,
‘दिलबर’ आओ करले नमन,
ये पर्व जो द्वारे आया है,
पर्व पर्यूषण आया है,
घर घर में खुशियां लाया है।4।

पर्व पर्युषण आया है,
घर घर में खुशियां लाया है,
पर्वो का राजा कहलाये,
हम जैनो ने ये पाया है।5।

जैन जी के भजन हमें धर्म, आत्मसंयम और आत्मशुद्धि की प्रेरणा देते हैं। पर्व पर्युषण आया है, घर-घर में खुशियां लाया है भजन भी हमें सिखाता है कि यह पर्व केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि का एक दिव्य अवसर है। यदि यह भजन आपको प्रेरणादायक लगे, तो आओ नवकार का जाप हम करे, दिल से बोलो भक्तो नाकोड़ा भैरव का जयकारा, अपने होंठों पे तेरा नाम सजा रखा है, ये है मयण रेहा की कथा जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और पर्युषण पर्व की आध्यात्मिक ऊर्जा को आत्मसात करें। 🙏

Share

Leave a comment