ये है मयण रेहा की कथा

ये है मयण रेहा की कथा भजन एक आध्यात्मिक प्रेरणा से भरी कथा को उजागर करता है, जो हमें धर्म, सत्य और आत्मशुद्धि के मार्ग पर चलने की सीख देता है। यह भजन जैन धर्म की महान गाथाओं और उनकी शिक्षाओं का प्रतीक है, जो हमें धार्मिक आस्थाओं और नैतिक मूल्यों की ओर ले जाती हैं। इस भजन के माध्यम से हमें न केवल जैन धर्म की महानता का बोध होता है। आइए, इस भजन के साथ इस पावन कथा की गहराइयों में उतरें और धर्म का सच्चा मार्ग अपनाएं।

Ye Hai Mayan Reha Ki Katha

ये है मयण रेहा की कथा,
मयण रेहा की कथा,
सतियो है सोलह सती,
जिसमे है मयण सती,
शील व्रत को धारके,
जो बनी है महासती,
शब्द उदघोषित हुआ,
जब गुरु मुख से सर्वदा,
शब्द उदघोषित हुआ।1।

दोहा – देव गुरु की कृपा से,
लिखी ये अमिट कहानी,
श्री कांतिसूरी जी की कलम से,
गुरु मनोज्ञ सूरी जी की जुबानी।

आ …आ….आ…
शुरू हो रही कहानी ..आ..आ..
गुरुवर की ये जुबानी,
सुनलो ओ भवि प्राणी,
मयण रेहा की कहानी,
बड़ी ही अनुपम लीला,
सत्य है ये कहानी,
आओ भाव से सुनले,
मयण रेहा की कहानी,
मयण रेहा मयण रेहा।2।

जैन जी के भजन हमें धर्म और भक्ति की गहराइयों तक ले जाते हैं। ये है मयण रेहा की कथा भजन भी हमें जैन परंपराओं और उनकी दिव्यता का अनुभव कराता है। यदि यह भजन आपको प्रेरणादायक लगे, तो “संवत्सरी का शुभ दिन है, आओ कर लें क्षमापना“, “पर्युषण का सच्चा संदेश , संयम और तपस्या का महत्व” और “क्षमायाचना से आत्मा का उद्धार” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और जैन धर्म की शिक्षाओं को आत्मसात करें। 🙏

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