दीक्षा दिवस हम सब गुरुवर का मिलके आज मनाये लिरिक्स

दीक्षा का दिवस आत्मशुद्धि, त्याग और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक होता है। दीक्षा दिवस हम सब गुरुवर का मिलके आज मनाएं भजन गुरुवर के संयम, तप और धर्म मार्ग में प्रवेश की शुभ वेला का उत्सव मनाने का आह्वान करता है। यह वह दिन होता है जब एक साधक सांसारिक बंधनों को त्यागकर आत्मकल्याण के मार्ग पर अग्रसर होता है। आइए, इस भजन के माध्यम से गुरुवर को नमन करें और इस शुभ अवसर को भक्ति भाव से मनाएं।

Deeksha Divas Hum Sab Guruvar Ka Milake Aaj Manaye

दीक्षा दिवस हम सब गुरुवर का,
मिलके आज मनाये,
धारके संयम गुरु हमारे,
मुनिवर मुद्रा है पाए,
मुनिवर मुद्रा है पाए।1।

जय विशल्य सागरजी,
जय विशल्य सागरजी,
धरती अम्बर गूंज रहा,
गुरुवर का जयकारा है,
सच्चे मन से जिसने भी,
इनको दिल से पुकारा है,
गुरुवर उसे बचाते है,
मार्ग उसे दिखलाते है,
भक्तो के ये सहारे है,
सबके तारणहारे है,
दिक्षा दिवस हम सब गुरुवर का,
मिलके आज मनाये,
धारके संयम गुरु हमारे,
मुनिवर मुद्रा है पाए,
मुनिवर मुद्रा है पाए।2।

जय विशल्य सागरजी,
जय विशल्य सागरजी,
सर्प दंश या ह्रदय रोग हो,
सबको आप हराये है,
प्रतिकूलता जितनी हो,
आप से जीत न पाए है
शत-शत गुरुवर को वंदन,
आपकी चरण धूली चन्दन,
हम सबका उद्धार करो,
गुरुवर बेड़ा पार करो,
दिक्षा दिवस हम सब गुरुवर का,
मिलके आज मनाये,
धारके संयम गुरु हमारे,
मुनिवर मुद्रा है पाए,
मुनिवर मुद्रा है पाए।3।

जय विशल्य सागरजी,
जय विशल्य सागरजी,
सूर्य से तेज के धारी है,
आप परम उपकारी है,
चंदा सी छवि तुम्हारी है,
सुन्दर और मनोहारी है,
कृपा करो हम पर गुरुवर,
रखना हाथ सदा सर पर,
गुरुवर की जयकार करे,
सदा धर्म संस्कार धरे,
दिक्षा दिवस हम सब गुरुवर का,
मिलके आज मनाये,
धारके संयम गुरु हमारे,
मुनिवर मुद्रा है पाए,
मुनिवर मुद्रा है पाए।4।

दीक्षा दिवस हम सब गुरुवर का,
मिलके आज मनाये,
धारके संयम गुरु हमारे,
मुनिवर मुद्रा है पाए,
मुनिवर मुद्रा है पाए।5।

जैन जी के भजन हमें धर्म और साधना के महत्व को समझाने का कार्य करते हैं। दीक्षा दिवस हम सब गुरुवर का मिलके आज मनाएं भजन हमें संयम, त्याग और धर्म के प्रति समर्पण की प्रेरणा देता है। यदि यह भजन आपके मन में भक्ति और श्रद्धा के भाव जाग्रत कर दे, तो देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर जैन भजन, मेरा दादा बड़ा मतवाला के नाकोड़ा विराजे रे, प्रभु पार्श्व तेरा दरबार मेरे मन को लुभाता है, नंदनी खुदनी के नंदन करते हम तुमको वंदन जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और धर्म की राह पर आगे बढ़ें। 🙏

Share

Leave a comment