फागुन का महीना चलो मालपुरा दरबार लिरिक्स

फागुन का महीना चलो मालपुरा दरबार भजन एक अद्भुत भक्ति गीत है, जो मालपुरा के दरबार में भगवान की पूजा और भक्ति को समर्पित है। यह भजन खास तौर पर फागुन माह के दौरान मालपुरा तीर्थ स्थल की यात्रा और वहां भगवान के दर्शन की महिमा को दर्शाता है। फागुन माह में भगवान की भक्ति में जो विशेष ऊर्जा और उल्लास होता है, उसे यह भजन बहुत सुंदर तरीके से व्यक्त करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम मालपुरा के दरबार में जाकर भगवान की पूजा करें और उनके आशीर्वाद का अनुभव करें।

Phagun Ka Mahina Chalo Malpura Darbar

फागुन का महीना,
चलो मालपुरा दरबार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।1।

रंग रंगीला फागुन ये आया,
दादा गुरु ने मालपुरा बुलाया,
दूर दूर से आते है लाखो ही नर नार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।2।

दादा गुरु की दुनिया दीवानी है,
कुशल गुरु से मेरी प्रीत पुरानी है,
सोनू मालपुरा में आता रहूँ हरबार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।।

अमावास को स्वर्ग सिधारे,
पूनम को दादा गुरुवर दर्श दिखाये,
उदयराज की अर्जी करली तुमने स्वीकार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।3।

फागुन का महीना,
चलो मालपुरा दरबार,
दादा गुरु संग होली,
हम खेलेंगे इस बार।4।

मालपुरा दरबार में भगवान के दर्शन और भक्ति का अनुभव भक्तों के जीवन में शांति और आशीर्वाद लाता है। फागुन का महीना चलो मालपुरा दरबार जैसे भजन हमें मालपुरा के पवित्र स्थल की यात्रा और वहां भगवान की उपासना की महिमा का अहसास कराते हैं। इस भक्ति को और प्रगाढ़ करने के लिए कभी तो ये बाबा साथी बन जाता है जैन भजन, तुलसी सुमर संसार सार दे आचार्य श्री तुलसी भजन, हे शंखेश्वर पारस नाथ रखदो प्रभु मेरे सिर पर हाथ, दादा बेगो बेगो आजा रे हे भरतपुर का राजा रे जैन भजन जैसे अन्य जैन भजनों को पढ़ें और अपनी भक्ति को सशक्त करें। 🙏

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