प्रभु पार्श्व तेरा दरबार मेरे मन को लुभाता है लिरिक्स

प्रभु पार्श्व तेरा दरबार मेरे मन को लुभाता है भजन भगवान पार्श्वनाथ के दरबार की महिमा और उनके दिव्य आकर्षण को प्रस्तुत करता है। यह भजन भक्त के हृदय में भगवान पार्श्वनाथ की उपस्थिति को महसूस कराता है और उनके दरबार में जाने की प्रेरणा देता है। पार्श्वनाथ का दरबार एक पवित्र स्थल है जहाँ भक्तों को शांति, आशीर्वाद और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भगवान पार्श्वनाथ के दरबार में श्रद्धा और भक्ति से कदम बढ़ाएं।

Prabhu Parshv Tere Darbar Mere Man Ko Lubhata Hai

प्रभु पार्श्व तेरा दरबार,
मेरे मन को लुभाता है,
तेरी छवि देखकर दादा,
मुझे चैन आता है,
क्या खूब सजा सरकार,
तेरी लेऊँ नजर उतार।1।

तेरे मुखड़े पे है नूर,
बरसे नेनो से अमीरस धार,
जिसे देख चाँद शरमाये,
ऐसा सजा मेरा दातार,
तेरी आंगिया में हीरा लाल,
शीश मुकुट तिलक है भाल,
लट धुंघराली गोरे गाल,
तेरे गल मोतियन की माल,
क्या खूब सजा सरकार,
तेरी लेऊँ नजर उतार।2।

तेरे दिव्य स्वरूप का दादा,
मैं कैसे करू बखान,
जब जब भी देखे तुझको,
तेरा रूप भुलाये भान,
मेरे तुमसे जुड़े ये तार,
तुझे दिल मे लेऊँ उतार,
तेरा सूरज ओ दिलबर,
तुझे हरपल रहा निहार,
क्या खूब सजा सरकार,
तेरी लेऊँ नजर उतार।3।

प्रभु पार्श्व तेरा दरबार,
मेरे मन को लुभाता है,
तेरी छवि देखकर दादा,
मुझे चैन आता है,
क्या खूब सजा सरकार,
तेरी लेऊँ नजर उतार।4।

भगवान पार्श्वनाथ के दरबार में हर भक्ति और श्रद्धा स्वीकार होती है, और वहां के वातावरण में भक्तों को शांति और दिव्यता का अहसास होता है। प्रभु पार्श्व तेरा दरबार मेरे मन को लुभाता है जैसे भजन हमें पार्श्वनाथ जी के अद्वितीय आशीर्वाद का अहसास कराते हैं और उनके दिव्य दरबार में श्रद्धा से पूजा करने की प्रेरणा देते हैं। इस भक्ति को और गहरा करने के लिए नंदनी खुदनी के नंदन करते हम तुमको वंदन, भैरव दादा तेरे सिवा कहो कौन हमारा है, जीरावला पारस जय जय पारस भजन, सच्चे मन से नाकोड़ा भक्त जो भी जायेगा जैसे अन्य जैन भजनों को पढ़ें और अपनी भक्ति को सशक्त करें। 🙏

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