देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर जैन भजन लिरिक्स

गुरु ही वह दिव्य प्रकाश हैं जो हमें सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर ले चलते हैं। देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर भजन आचार्य प्रवर की महिमा का गुणगान करता है, जो अपने ज्ञान, तप और त्याग से अनगिनत आत्माओं को मोक्ष मार्ग दिखाते हैं। जब हम गुरु की शरण में जाते हैं, तो हमारा जीवन धर्ममय और कल्याणकारी बन जाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से अपने हृदय को गुरु भक्ति से ओत-प्रोत करें।

Devnandi Gurudev Jay Ho Aacharya Pravar Jain

देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर,
देवनंदी गुरुदेव जय हों आचार्य प्रवर।1।

शीला देवीजी की आँख के तारे मेरे गुरुवर,
प्रेमचंद्रजीे के जो नन्दन,
उनको वंदन
देवनंदी गुरुदेव जय हों आचार्य प्रवर।2।

बालपन से संयम को धार चले गुरुवर,
कुंथुसागरजी से ले दीक्षा,
चले शिवपथपर,
देवनंदी गुरुदेव जय हों आचार्य प्रवर।3।

सारश्वत आचार्य कहाये मेरे गुरुवर,
परम तपस्वी बड़े उदार,
गुरुदेव हमार,
देवनंदी गुरुदेव जय हों आचार्य प्रवर।4।

तीर्थो का उद्धार कराए मेरे गुरुवर,
ज्ञानयोगी और प्रज्ञाश्रमण,
करे आत्म रमण
देवनंदी गुरुदेव जय हों आचार्य प्रवर।5।

करुणा और वात्सल्य के दाता मेरे गुरुवर,
जिसके सर पर रख दे हाथ,
सुख उसके साथ,
देवनंदी गुरुदेव जय हों आचार्य प्रवर।6।

णमोकार तीरथ के प्रणेता मेरे गुरुवर,
पद्मावती माँ का दरबार,
बड़ा अतिशयकार,
देवनंदी गुरुदेव जय हों आचार्य प्रवर।7।

देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर,
देवनंदी गुरुदेव जय हों आचार्य प्रवर।8।

जैन जी के भजन हमें भक्ति और आत्मिक उत्थान की ओर प्रेरित करते हैं। देवनंदी गुरुदेव जय हो आचार्य प्रवर भजन गुरु की महिमा और उनकी कृपा की अनुभूति कराता है। यदि यह भजन आपके मन में गुरु के प्रति और अधिक श्रद्धा जगा दे, तो मेरा दादा बड़ा मतवाला के नाकोड़ा विराजे रे, प्रभु पार्श्व तेरा दरबार मेरे मन को लुभाता है, नंदनी खुदनी के नंदन करते हम तुमको वंदन, भैरव दादा तेरे सिवा कहो कौन हमारा है जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और गुरु की वंदना करें। 🙏

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