मन मंदिर में बसा रखी है गुरु तस्वीर सलोनी जैन भजन

गुरु ही वह प्रकाश हैं जो हमें आत्मज्ञान और मोक्ष के मार्ग पर ले जाते हैं। मन मंदिर में बसा रखी है गुरु तस्वीर सलोनी भजन श्रद्धा, भक्ति और गुरु के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाता है। जब हमारे हृदय में गुरु का स्थान होता है, तो हर मार्ग प्रशस्त हो जाता है, हर अंधकार मिट जाता है। यह भजन हमें गुरु के चरणों में समर्पित होकर उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है। आइए, इस भजन के माध्यम से अपने मन-मंदिर को गुरु भक्ति से आलोकित करें।

Man Mandir Men Basa Rakhi Hai Guru Tasvir Saloni

मन मंदिर में बसा रखी है,
गुरु तस्वीर सलोनी,
रोम रोम में बसे है गुरुवर,
विधा सागर मुनिवर।1।

गुरुवर विद्या सागरजी है,
करुणा की गागरजी,
चर्या आपकी आगम रूप,
दिखते हो अरिहंत स्वरूप,
दर्शन जो भी पाता है,
गुरूवर का हो जाता है।2।

दिव्य आप का दर्शन है,
भव्य आपका चिंतन है,
प्रवचन देते आध्यात्मिक,
और कभी सम सामायिक,
हाथ मे पिछी कमंडल है,
और पीछे भक्त मंडल है।3।

मृदु आपकी वाणी है,
मुख से बहे जिनवाणी है,
सरल गुरु कहलाते हो,
खूब आशीष लुटाते हो,
तुम गुरुदेव हमारे हो,
हम भक्तो को प्यारे हो।4।

मन मंदिर में बसा रखी है,
गुरु तस्वीर सलोनी,
रोम रोम में बसे है गुरुवर,
विधा सागर मुनिवर।5।

जैन जी के भजन हमें भक्ति और श्रद्धा के भावों से भर देते हैं। मन मंदिर में बसा रखी है गुरु तस्वीर सलोनी भजन हमें गुरु की महिमा और उनकी कृपा का अनुभव कराता है। यदि यह भजन आपके हृदय को गुरु भक्ति से भर दे, तो प्रभु तुमको वंदन मैं करता हूँ अर्पण ये जीवन मेरा, मेरे मन में आकर बस जाओ महावीर प्रभु जी भजन, चाहे मन में कैसी उलझन हो बोलो ॐ अर्हम, उपकार तेरा होगा गुरुवर मेरे मन के भावों को कहने दो जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और गुरु की महिमा को आत्मसात करें। 🙏

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