चाहे मन में कैसी उलझन हो बोलो ॐ अर्हम लिरिक्स

जीवन में जब भी कोई उलझन आती है, मन अस्थिर होता है और राह धुंधली लगती है, तब हमें आध्यात्मिक शक्ति का सहारा लेना चाहिए। चाहे मन में कैसी उलझन हो, बोलो ॐ अर्हम भजन हमें इस सत्य की ओर ले जाता है कि भगवान का स्मरण हर संकट का समाधान है। ‘ॐ अर्हम’ के उच्चारण से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि हमारी आत्मा भी निर्मल होती है। आइए, इस भजन के माध्यम से आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करें।

Chahe Man Me Kaisi Ulajhan Ho Bolo Om Arham

चाहे मन में कैसी उलझन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम,
जीवन में कैसी अड़चन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम।1।

अर्हम अविनाशी है,
अविचल अविकारी है,
महिमा अचिन्त्य इसकी,
अहम सुखकारी है,
शुभ चिंतन अर्हम का,
तेरे मन का अहम नाशे,
सिद्धों से मेल करे,
अहम उपकारी है,
निर्मल अहम से जीवन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम।2।

सोते उठते जगते,
अर्हम का ध्यान धरो,
अर्हम की तरंगों से,
तुम निज का ज्ञान करो,
हर प्राणी के घट में,
अर्हम ही अर्हम है,
है शुद्ध सिद्ध अर्हम;
इसकी पहचान करो,
जीवन अर्हम को अर्पण हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम।3।

चाहे मन में कैसी उलझन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम,
जीवन में कैसी अड़चन हो,
बोलो ॐ अर्हम बोलो ॐ अर्हम।4।

जैन जी के भजन हमें भक्ति और आत्मसाधना के मार्ग पर अग्रसर करते हैं। चाहे मन में कैसी उलझन हो, बोलो ॐ अर्हम भजन हमें यह संदेश देता है कि कठिन समय में भी हमें प्रभु का स्मरण नहीं छोड़ना चाहिए। यदि यह भजन आपके मन में शांति और सकारात्मकता का संचार करे, तो उपकार तेरा होगा गुरुवर मेरे मन के भावों को कहने दो, नाकोड़ा में भक्तो की टोली चली भजन, भैरव देव आ जाते मेरे सामने भजन, गुरु ऋषभ की याद में आंखों से ये बरसे धारा जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ें। 🙏

Share

Leave a comment