चरणों में चारो धाम भजन एक श्रद्धा और भक्ति से भरा गीत है, जो भक्तों को भगवान के पवित्र चरणों में समर्पित होने का संदेश देता है। यह भजन चारों धाम — यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ की पवित्रता को भगवान के चरणों में समर्पित करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भगवान के चारों धाम के पवित्र चरणों में अपना समर्पण व्यक्त करें।
Charno Men Charo Dham
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान,
संघ गुरु का समोशरण सा,
चरणों में चारो धाम,
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान।1।
गुरु का नाम तो गुरु से बड़ा है,
हर संकट में साथ खड़ा है,
गुरु चरणों में जो नित आते,
अपने सारे कष्ट मिटाते,
गुरु मेरे चंदा मैं हूँ चकोरा,
चितवत देखत गुरु की ओरा,
हम भक्तो पर थोड़ा सा,
दे दो गुरुजी ध्यान,
संघ गुरु का समोशरण सा,
चरणो में चारों धाम,
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान।2।
योग समय विद्या महावीरा,
चारों भ्राता बड़े गंभीरा,
मोक्ष मार्ग पर बढ़ते जाते,
खुद चलते चलना सिखलाते,
मैं भी गुरुवर शरण में आया,
बड़े भाग्य से तुमको पाया,
आज नही जग में,
मेरे जैसा कोई धनवान,
संघ गुरु का समोशरण सा,
चरणो में चारों धाम,
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान।3।
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान,
संघ गुरु का समोशरण सा,
चरणों में चारो धाम,
ऐसे भक्त कहाँ,
कहाँ जग में ऐसे भगवान।4।
इसके अलावा आप मेरे मन में पारसनाथ , मालपूरा तेरा सच्चा है धाम – भजन, कुंडलपुर में त्रिशला माता ने ललना जाया है, माँडोली वाले हे आबू वाले शांति सुरिस्वर हे गुरुदेवा जैसे अन्य जैन भजन भी करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।
मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः 🙏