मेरे मन में पारसनाथ – जैन भजन लिरिक्स

मेरे मन में पारसनाथ भजन हमारे हृदय में प्रभु पारसनाथ के प्रति अगाध श्रद्धा और भक्ति की भावना को प्रकट करता है। यह भजन हमें यह अनुभव कराता है कि जब मन प्रभु की भक्ति में रम जाता है, तो हर कठिनाई सरल हो जाती है और हर दुःख में भी आनंद की अनुभूति होती है। प्रभु पारसनाथ का स्मरण हमें मोक्षमार्ग की ओर प्रेरित करता है और जीवन के सत्य को समझने में सहायक होता है। आइए, इस भजन को पढ़कर अपनी आत्मा को प्रभु के चरणों में समर्पित करें।

Mere Man Men Parsnath Jain Bhajan Lyrics

मेरे मन में पारसनाथ,
तेरे मन में पारसनाथ,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।1।

जैसे फूलों में सुगन्ध,
जैसे कलियों में है रंग,
पत्ते पत्ते पे लिखा है पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।2।

जैसे नदियों में है गंगा,
जैसे नभ में चमके चंदा,
कतरे कतरे में है बहता पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।3।

तेरा शंखेश्वर में धाम,
तेरा नागेश्वर में धाम,
तेरा जीरावला में धाम,
तेरा लोदरवा में धाम,
तेरा नेरुल नगर में धाम,
जैसे नाकोड़ा बिराजे पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।4।

मेरे मन में पारसनाथ,
तेरे मन में पारसनाथ,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
रोम रोम में समाया पारसनाथ रे,
मेरी साँसों में समाया पारसनाथ रे,
मेरे मन मे पारसनाथ।5।

जैन जी के भजन हमेशा हमें आध्यात्मिक शांति और भक्ति की अनुभूति कराते हैं। मेरे मन में पारसना भजन हमें सिखाता है कि जब मन प्रभु में लीन हो जाता है, तो जीवन की हर बाधा सहज हो जाती है। यदि यह भजन आपको प्रभु के करीब महसूस कराए, तो मालपूरा तेरा सच्चा है धाम , कुंडलपुर में त्रिशला माता ने ललना जाया है, माँडोली वाले हे आबू वाले शांति सुरिस्वर हे गुरुदेवा, हिमाचल सुरिस्वर की महिमा जग में बड़ी महान है  जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और प्रभु भक्ति में मन को लगाएं। जय पारसनाथ प्रभु! 🙏

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