जब भक्ति हृदय में गहराई से बस जाती है, तो आराध्य केवल पूजनीय नहीं रहते, बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा बन जाते हैं। भेरूजी मेरी जान है भजन इसी भाव को प्रकट करता है, जहां भक्त नाकोड़ा भैरव जी को अपना सब कुछ मानकर उनकी भक्ति में लीन हो जाता है। यह भजन भैरव देव की महिमा, उनकी कृपा और भक्तों पर उनके असीम प्रेम को दर्शाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से नाकोड़ा भैरव जी की महिमा का गुणगान करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
Bheruji Meri Jaan Hai Tumase Hi Meri Pahachan Hai
गर तुम न सुनोगे,
तो किसको सुनाऊँगी,
मैं अपने दिल का हाल,
किसे बतालाउंगी,
गम के इस अंधियारे से,
कौन निकलेगा,
भेरू दादा मुझे तुम बिन,
कौन सम्भालेगा,
यूँ ही नही जाऊंगी खाली,
इस दर से,
ओ भेरूजी कब बिगड़ी,
मेरी बनायेगा,
आस तू ही विश्वास मेरा,
भेरूजी मेरी जान है,
तुमसे ही मेरी पहचान है।1।
मेरे अपनो ने ही मुझ पर,
ये घात किया,
जल न सका मेरी
उम्मीदों का वो दिया,
तेरे किरपा ने ही,
मुझको गिरने न दिया,
दुख दर्द भरी ये दास्ता है,
तड़पे है जिया,
आये विपदाएँ आये,
चाहे जितनी मगर,
फिर भी मैंने तो बस,
तेरा ही नाम लिया,
आस तू ही विश्वास मेरा,
भेरू जी मेरी जान है,
तुमसे ही मेरी पहचान है।2।
जीतूंगी हर संकट को,
मैं ना मानु हार,
जब तक ये मेरे साथ है,
भेरूजी सरकार,
ओ बाबुल अपनी लाडो की,
सुनलो ये पुकार,
मेरे दिल का हाल सुनो,
ओ मेरे पालनहार,
आये देखो मेरे,
भेरू देव आये,
‘दिलबर प्रवीण’ के दिल मे,
छाई खुशियां अपार,
‘रिया’ को है विश्वास तेरा,
भेरू जी मेरी जान है,
तुमसे ही मेरी पहचान है।3।
गर तुम न सुनोगे,
तो किसको सुनाऊँगी,
मैं अपने दिल का हाल,
किसे बतालाउंगी,
गम के इस अंधियारे से,
कौन निकलेगा,
भेरू दादा मुझे तुम बिन,
कौन सम्भालेगा,
यूँ ही नही जाऊंगी खाली,
इस दर से,
ओ भेरूजी कब बिगड़ी,
मेरी बनायेगा,
आस तू ही विश्वास मेरा,
भेरूजी मेरी जान है,
तुमसे ही मेरी पहचान है।4।
जैन जी के भजन हमें भक्ति, श्रद्धा और आत्मीयता की राह पर ले जाते हैं। भेरूजी मेरी जान है भजन भी हमें सिखाता है कि जब हम सच्चे मन से नाकोड़ा भैरव जी की आराधना करते हैं, तो वे हमारे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का संचार करते हैं। यदि यह भजन आपके हृदय को भक्ति भाव से भर दे, तो “नाकोड़ा भैरव जी की अपार कृपा , जय हो भैरव बाबा की , भक्तों के संकट हरने वाले भैरव” और “नाकोड़ा जी का चमत्कारी दरबार” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और नाकोड़ा भैरव जी की भक्ति में रम जाएं। 🙏
मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः 🙏