भैरुदेव मेरे ऐसे है | Bhairudev Mere Aise Hai

जब भी हम भक्ति में लीन होते हैं, तो हमारे हृदय में भगवान के प्रति अपार श्रद्धा और प्रेम उमड़ पड़ता है। भैरुदेव मेरे ऐसे है भजन में नाकोड़ा भैरव की महिमा और उनकी अपार कृपा का सुंदर वर्णन किया गया है। यह भजन हमें यह अनुभव कराता है कि भैरव देव अपने भक्तों के हर कष्ट को हरने वाले और सच्ची भक्ति का सम्मान करने वाले हैं। जब हम इस भजन का पठन करते हैं, तो हमारी आत्मा भक्ति और श्रद्धा के मधुर रस में डूब जाती है। आइए, इस भावपूर्ण भजन का आनंद लें।

Bhairudev Mere Aise Hai

चांद ने एक दिन मुझसे ये पूछा,
भैरु देव तेरे कैसे है,
मैं बोला तू देखे तो शर्माए,
भैरुदेव मेरे ऐसे है,
मैं बोला तू देखे तो शर्माए,
भैरु देव मेरे ऐसे है।1।

आंखों से अमिरस बरसाए,
करुणा का सागर लहराए,
अमृत के प्याले छलकते है,
सूरज भी देखे तो खिल जाए,
सूरज भी देखे तो खिल जाए,
ऐसा अनोखा स्वरूप है जिनका,
भैरु देव मेरे वैसे है,
मैं बोला तू देखे तो शर्माए,
भैरु देव मेरे ऐसे है।2।

जो इनकी शरण में आता है,
मनवांछित फल वो पाता है,
जिनशासन का रखवाला है,
प्रभु पारस नाथ को प्यारा है,
‘त्रिलोक’ हर दम गाता रहे,
भेरु देव मेरे वैसे है,
मैं बोला तू देखे तो शर्माए,
भैरु देव मेरे ऐसे है।3।

चांद ने एक दिन मुझसे ये पूछा,
भैरु देव तेरे कैसे है,
मैं बोला तू देखे तो शर्माए,
भैरुदेव मेरे ऐसे है,
मैं बोला तू देखे तो शर्माए,
भैरु देव मेरे ऐसे है।4।

जैन जी के भजनों की खासियत यह है कि वे हमें भक्ति के वास्तविक स्वरूप से जोड़ते हैं। भैरुदेव मेरे ऐसे है भजन भी भक्त और भगवान के आत्मीय संबंध को उजागर करता है। यदि आपको यह भजन प्रेरणादायक लगा, तो “नाकोड़ा भैरव जी की कृपा , भैरव बिना कौन सहारा , जय हो नाकोड़ा भैरव स्वामी” और “भैरव जी का अद्भुत दरबार” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और नाकोड़ा भैरव की भक्ति में स्वयं को समर्पित करें। 🙏

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