संवत्सरी महापर्व जैन धर्म का एक पावन अवसर है, जो क्षमा, आत्मशुद्धि और नए सिरे से धार्मिक जीवन जीने की प्रेरणा देता है। संवत्सरी का शुभ दिन है ये, आओ कर ले क्षमापना भजन हमें अहंकार त्यागकर विनम्रता और क्षमा धर्म को अपनाने का संदेश देता है। यह दिन हमें सिखाता है कि हम अपने मन, वचन और काया से किए गए सभी त्रुटियों के लिए क्षमा मांगें और दूसरों को क्षमा करें। आइए, इस भजन के भावों को आत्मसात करते हुए क्षमायाचना का संकल्प लें।
Sanvatsari Ka Shubh Din Hai Ye Aao Karle Chhamapana
संवत्सरी का शुभ दिन है ये,
आओ करले क्षमापना,
मैत्री भाव की भावना रखकर,
करो खमत खामणा,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना,
संवत्सरी का शुभ दिन है यह,
आओ करले क्षमापना।1।
शुद्ध मन से ये पर्व मनाकर,
निर्मल करलो आत्मा,
राग द्वेष को त्यागे हम,
जीवन मे होगी खुशियां,
मन वचन और काया से,
करो खमत खामणा,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना।2।
त्याग तपस्या प्रभु भक्ति का,
पर्व है ये सुहावना,
संवत्सरी पर दिल से करना,
छोटे बड़ो से क्षमापना,
बेर भाव न हो किसी से,
करो प्रभु से ये प्रार्थना,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना।3।
मानव भव अनमोल है,
बड़े भाग्य से मिलता है,
पुण्यशाली है वो ‘दिलबर’,
जैन कुल जिन्हें मिलता है,
एक यही अभिलाषा मेरी,
मांगू दिल से क्षमापना,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना।4।
संवत्सरी का शुभ दिन है ये,
आओ करले क्षमापना,
मैत्री भाव की भावना रखकर,
करो खमत खामणा,
दिल में हो यही भावना,
हम करते है ये कामना,
संवत्सरी का शुभ दिन है यह,
आओ करले क्षमापना।5।
जैन जी के भजन हमें धर्म, अहिंसा और आत्ममंथन की प्रेरणा देते हैं। संवत्सरी का शुभ दिन है ये, आओ कर ले क्षमापना भजन भी हमें सिखाता है कि क्षमा ही सबसे बड़ा धर्म है। यदि यह भजन आपके हृदय को स्पर्श करे, तो “क्षमावाणी महापर्व की महिमा , “पर्युषण पर्व का सच्चा संदेश , संयम और आत्मशुद्धि का मार्ग” और “क्षमायाचना से आत्मा का उद्धार” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और क्षमा भावना को आत्मसात कर अपने जीवन को धन्य बनाएं। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः