भक्ति का असली आनंद तब आता है जब मन पूर्णतः भगवान की आराधना में लीन हो जाता है। ये उम्र गुजर जाये नाकोडा नगरी में भजन भी इसी गहन भक्ति भाव को प्रकट करता है। हर भक्त की यह आकांक्षा होती है कि उसका जीवन प्रभु की नगरी में, उनकी छत्रछाया में बीते। आइए, इस भजन का पठन करके स्वयं को आध्यात्मिकता से जोड़ें।
Ye Umra Guzar Jaaye Nakoda Nagari Me
नाकोडा में दादा के ये दीवाने मिलेंगे,
आपस में बड़े प्यार से अनजाने मिलेंगे,
हर ओर से आते है दर्शन को सब भगत,
मेरे नाकोडा वाले के परवाने मिलेंगे,
तकदीर मुझे ले चल,
उस नाकोडा नगरी में,
ये उम्र गुजर जाये,
मेरे दादा की नगरी में।1।
तीर्थो में ये तीर्थ दुनिया में बड़ा न्यारा,
स्वर्ग जैसा लगता है यहाँ का नजारा,
बैठे है पहाड़ो में पार्श्व भैरु दादा,
मंदिर बड़ा है सुंदर जिसमे विराजे दादा,
है वो किस्मत वाले जाते जो नाकोडा,
सन्देशा उनको आता जिनको बुलाये दादा,
तकदीर मुझे ले चल,
उस नाकोडा नगरी में,
ये उम्र गुजर जाए,
मेरे दादा की नगरी में।2।
तेरी कृपा जो हो तो तकदीर मुझे लाये,
तेरी छवि के दादा दर्शन मुझे कराये,
तुझे देखकर ओ दादा फिर चैन मुझे आये,
चरणों मे तेरे सर रखके दादा हम सो जाये,
जन्मोजन्म का ‘दिलबर’ रिश्ता ये जुड़ जाये,
यही आरजू है श्रेया की तेरी भक्ति में खो जाये,
तकदीर मुझे ले चल,
उस नाकोडा नगरी में,
ये उम्र गुजर जाए,
मेरे दादा की नगरी में।3।
नाकोडा में दादा के ये दीवाने मिलेंगे,
आपस में बड़े प्यार से अनजाने मिलेंगे,
हर ओर से आते है दर्शन को सब भगत,
मेरे नाकोडा वाले के परवाने मिलेंगे,
तकदीर मुझे ले चल,
उस नाकोडा नगरी में,
ये उम्र गुजर जाये,
मेरे दादा की नगरी में।4।
जैन जी के भजनों की विशेषता यही है कि वे हमें भक्ति के महासागर में डुबो देते हैं। ये उम्र गुजर जाये नाकोडा नगरी में भजन हमें नाकोड़ा भैरव के चरणों में संपूर्ण समर्पण का संदेश देता है। यदि यह भजन आपके मन को छू गया, तो “नाकोड़ा भैरव की महिमा अपरंपार , भैरव बाबा तेरा दरबार , नाकोड़ा जी का सुमिरन कर लो” और “भक्ति में लीन हो जाओ” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और भक्ति के इस पावन प्रवाह में डूब जाएं। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः