जब भक्ति की ज्योति प्रज्वलित होती है, तब मन परमात्मा के दिव्य स्वरूप में लीन हो जाता है। मेरे चन्द्रप्रभु भगवान तेरी प्रतिष्ठा है मनोहारी भजन चन्द्रप्रभु भगवान की अनुपम महिमा और उनकी प्रतिष्ठा की अलौकिक शोभा का वर्णन करता है। यह भजन हमें उनकी असीम करुणा और दिव्यता का अनुभव कराता है, जिससे भक्त का मन श्रद्धा और भक्ति से भर उठता है। आइए, इस भजन के भावों को अपनाकर अपने हृदय में चन्द्रप्रभु भगवान की भक्ति जागृत करें।
Mere Chandraprabhu Bhagwan Teri Pratishta Hai Manohari
मेरे चन्द्रप्रभु भगवान,
तेरी प्रतिष्ठा है मनोहारी,
मन आनंद से है भरा,
और महके आतम की क्यारी,
मेरे चंद्रप्रभु भगवान,
तेरी प्रतिस्ठा है मनोहारी।1।
माता लक्ष्मणा के जाये,
आये प्रभु जी आए,
करने सभी भक्तो का कल्याण,
ज्ञान के सागर है ये,
प्रेम की गागर है ये,
वीतरागी मेरे भगवान,
है तीन लोक के नाथ,
है जिनवर ये उपकारी,
जैसे चमके दूज का चाँद,
है करुणा की मूरत प्यारी,
मेरे चंद्रप्रभु भगवान,
तेरी प्रतिस्ठा है मनोहारी।2।
कुमकम कलश सजाओ,
मोतियों से चोक पुराओ,
नगरी सजाओ सब मिलकर के,
द्वार तोरण बंधाओ,
पलके राहो में बिछाओ,
आयेंगे आज हमारे प्रभुवर,
सखी मंगल गावो आज,
सँग बजेंगे मधुर साज,
शुभ मंगल बेला आज,
जय चन्द्र प्रभु जिनराज,
मेरे चंद्रप्रभु भगवान,
तेरी प्रतिस्ठा है मनोहारी।3।
केसर कुमकुम लगावों,
रंग गुलाल उड़ाओ,
मेहंदी लगाओ सबके हाथ,
नागोठाणा की धरती,
स्वर्ग सी आज है लगती,
अदभुत नजारा मेरे गांव का,
हुआ स्वपन ये साकार,
आये चन्द्र प्रभु सरकार,
छाई खुशियो की है बहार,
बोले निखिल जयकारा,
मेरे चंद्रप्रभु भगवान,
तेरी प्रतिस्ठा है मनोहारी।4।
मेरे चन्द्रप्रभु भगवान,
तेरी प्रतिष्ठा है मनोहारी,
मन आनंद से है भरा,
और महके आतम की क्यारी,
मेरे चंद्रप्रभु भगवान,
तेरी प्रतिस्ठा है मनोहारी।5।
चन्द्रप्रभु भगवान की प्रतिष्ठा उनके अद्भुत स्वरूप और असीम कृपा की झलक दिखाती है। “मेरे चन्द्रप्रभु भगवान तेरी प्रतिष्ठा है मनोहारी” जैसे भजन हमें उनकी भक्ति में डूबने का अवसर देते हैं। इसी दिव्य भाव को और अधिक गहराई से अनुभव करने के लिए “चन्द्रप्रभु भगवान की आराधना, जिन शासन की महिमा, नवकार मंत्र की शक्ति, और “संपूर्ण तीर्थंकर वंदना” जैसे अन्य जैन भजनों को पढ़ें और अपने आत्मिक पथ को आलोकित करें।

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः