नाकोड़ा भैरव जी की महिमा अनंत है, और उनके मंदिर में होने वाला हर उत्सव भक्तों के मन को भक्तिरस से भर देता है। भैरूजी रा मंदिर माही मोटा घुँघरा बाजे भजन उस दिव्य वातावरण का वर्णन करता है, जहां भक्ति के सुर लहराते हैं और श्रद्धालु भैरव दादा की महिमा में लीन हो जाते हैं। जब मंदिर में घंटों और घुँघरुओं की मधुर ध्वनि गूंजती है, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वयं भैरव देव का आशीर्वाद बरस रहा हो। यह भजन हमें भक्ति के इस पावन प्रवाह में डुबो देता है और भैरव देव के चरणों में समर्पण की भावना जाग्रत करता है।
Bhairuji Ra Mandir Mahi Mota Ghughara Baje Lyrics
भैरूजी रा मन्दिर माही,
मोटा घुँघरा बाजे।
दोहा – पगे घुँघरा बांध्या भैरूजी,
पारस रे दरबार,
मेहर करी भगता रे,
ऊपर तू हैं मोटो दातार।
भैरूजी रा मन्दिर माही,
मोटा घुँघरा बाजे,
मोटा घुँघरा बाजे,
पार्श्व री भक्ति में,
भैरूजी नाचे छम छम हा।1।
प्रेम ने वाह्ल रो दरियो थे वणजो,
दरियो थे वणजो,
वैर ने जेर भुलावजो जी,
भैरूजी रा मंदिर माही,
मोटा घुँघरा बाजे।2।
भीड़ पड़ी है भगता ने,
भैरूजी थे आवो,
भैरूजी थे आवो,
दुखड़ा मिटाओ सुखड़ा लावो रे,
भैरूजी रा मंदिर माही,
मोटा घुँघरा बाजे।3।
पारस री भक्ति थी भक्तों,
भव दुःख जावे,
शिव सुख आवे,
संगी थोरी महिमा लिखावे जी,
भैरूजी रा मंदिर माही,
मोटा घुँघरा बाजे।4।
नाकोड़ा दरबार विनवे,
भगतो रे बेले अइजो,
माधुरी गावे अइजो,
देव मोरा थे सबरी रक्षा करजो रे,
भैरूजी रा मंदिर माही,
मोटा घुँघरा बाजे।5।
भैरूजी रा मंदिर माही,
मोटा घुँघरा बाजे,
मोटा घुँघरा बाजे,
पार्श्व री भक्ति में,
भैरूजी नाचे छम छम हा।6।
जैन जी के भजन हमें भक्ति की गहराइयों में ले जाते हैं और हमें नाकोड़ा भैरव की असीम कृपा का अनुभव कराते हैं। भैरूजी रा मंदिर माही मोटा घुँघरा बाजे भजन उस दिव्य वातावरण का चित्रण करता है, जो भक्तों के मन में अपार श्रद्धा उत्पन्न करता है। यदि यह भजन आपके हृदय में भक्ति का भाव जागृत करे, तो गुरु ज्ञान की ज्योत जगाय गयो – भजन, आओ नवकार का जाप हम करे, भैरव करो मेहर की नजरिया, भैरव करो मेहर की नजरिया जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और भक्ति के इस आनंद में डूब जाएँ। 🙏
मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः 🙏