तेरे संग फाग मनाएंगे भजन हमें ब्रज की होली की दिव्यता और कृष्ण प्रेम से जोड़ता है। जब भक्त श्यामसुंदर के साथ फाग (होली) खेलने की इच्छा रखते हैं, तो यह केवल रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और आत्मसमर्पण का उत्सव बन जाता है। यह भजन हमें कृष्ण संग होली खेलने की अनुभूति कराता है, जहाँ प्रेम के गुलाल उड़ते हैं और भक्ति के रंग बरसते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी कृष्ण प्रेम के रंग में रंग जाएं।
Tere Sang Fag Manayenge
फागुन में बाबा,
हम तेरे दर पे आएंगे,
रिंगस से चलके खाटू,
निशान चढ़ाएंगे,
तेरे संग फाग मनाएंगे,
तेरे रंग में रंग जाएंगे।1।
कोई दंडवत करके आता,
कोई पैदल चलता है,
लगता मीठा दर्द सारा,
जब आनंद यहां आता है,
बाबुल के जैसे ये हमको,
कितना लाड लडाता है,
खीर चूरमा बड़े चाव से,
हम सबको ये खिलाता है,
जन्नत का नजारा,
खाटू में,,
खुशियों का खजाना,
खाटू में,,
मेले में हर साल हम,
दर पे आएंगे,
रिंगस से चलके खाटू,
निशान चढ़ाएंगे,
तेरे संग फाग मनायेंगे,
तेरे रंग में रंग जाएंगे।2।
तू ही देता है हमको,
लगता जितना खर्चा है,
कैसे भुला दे ‘श्याम’ तुझे,
देता पल पल पर्चा है,
तेरी शरण जब से आया,
सब कुछ मैंने पाया है,
कोई चाह बची ना ‘सोनू’,
मन तुझमें ही रमाया है,
सुख का दरिया है,
खाटू में,,
हर दुःख की दवा है,
खाटू में,,
बैठ के तेरे चरणों में,
भजन सुनाएंगे,
रिंगस से चलके खाटू,
निशान चढ़ाएंगे,
तेरे संग फाग मनायेंगे,
तेरे रंग में रंग जाएंगे।3।
फागुन में बाबा,
हम तेरे दर पे आएंगे,
रिंगस से चलके खाटू,
निशान चढ़ाएंगे,
तेरे संग फाग मनाएंगे,
तेरे रंग में रंग जाएंगे।4।
श्याम की होली में जो एक बार रंग जाता है, वह फिर कभी संसार के रंगों में नहीं फंसता। यह भजन हमें कृष्ण की अलौकिक होली का अहसास कराता है, जहाँ केवल प्रेम और भक्ति की वर्षा होती है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो “सारे बृज में मच रही धूम, के होली आई है , बरसाने में होली खेल रहे हैं नंदलाल , और “राधा के संग खेलें श्याम होली” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और कृष्ण भक्ति में डूब जाएं। जय श्री राधे! जय श्री कृष्ण! 🌸🎨🙏