महिनो फागण को भाईड़ा, बाबो श्याम बुलावे जी —यह भजन फागण मास की आनंदमयी भक्ति और श्याम बाबा के प्रेम में रंग जाने की भावना को प्रकट करता है। फागण का महीना आते ही हर भक्त के मन में उल्लास उमड़ पड़ता है, क्योंकि यह समय है श्याम धणी की महिमा गाने और उनकी भक्ति में लीन होने का। इस भजन में श्याम प्रेमियों की वह भावना झलकती है, जब वे बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने को आतुर हो जाते हैं।
Mahino Fagan Ko Bhaida Babo Shyam Bulave Ji
महिनो फागण को भाईड़ा,
बाबो श्याम बुलावे जी,
महिनो फागण को,
श्याम बुलावे जी,
बाबा री याद सतावे जी,
महिनो फागण को।।
ले हाथा म निशान श्याम को,
खाटू नगरी चाला जी,
घुमर घाला चंग बजावा,
श्याम रिझावा जी,
महिनो फागण को।।
खीर चुरमा रो भोग लगाकर,
दर्शण थारा पावा जी,
नाच नाचकर चंग बजावा,
भगत रिझावा जी,
महिनो फागण को।।
भगता की अर्जी है बाबा,
बार बार बुलाओ जी,
संदीप जोशी आसी थारा,
दर्शण पासी जी,
महिनो फागण को।।
महिनो फागण को भाईड़ा,
बाबो श्याम बुलावे जी,
महिनो फागण को,
श्याम बुलावे जी,
बाबा री याद सतावे जी,
महिनो फागण को।।
फागण का महीना श्याम बाबा के प्रेम और भक्ति का सबसे शुभ समय माना जाता है। यह भजन हमें श्याम नाम में रंग जाने की प्रेरणा देता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो खाटू में रंगों की बौछार है, फागुन का मेला आया है मुझे श्याम से मिलने जाना है, और होली खेलेगो श्याम जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम प्रेम में रंग जाएं। जय श्री श्याम! 🙏🎶