खाटू में रंगों की बौछार है | Khatu Me Rango Ki Bochar Hai

खाटू में रंगों की बौछार है —यह भजन खाटू नगरी में होने वाली अलौकिक होली और भक्तों के आनंद को दर्शाता है। जब श्याम बाबा के दरबार में रंगों की वर्षा होती है, तो पूरा खाटू धाम भक्ति और उल्लास में डूब जाता है। भक्त प्रेम और श्रद्धा के रंगों में रंगकर अपने सांवरिया के संग होली खेलने आते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी श्याम होली के रंगों में सराबोर हो जाएं।

Khatu Me Rango Ki Bochar Hai

दोहा –
खाटू नगर के बीच में,
बण्यों आपको धाम,
फागुण शुक्ल मेला भरे,
जय जय बाबा श्याम।

खाटू में रंगों की बौछार है,
नीले घोड़े पे आए सरकार है।1।

फागुण का ये मेला कितना सुंदर सजा,
प्रेम मेले में सांवरिया लुटाने लगा,
अपने भक्तों को देते वरदान है,
नीले घोड़े पे आए सरकार है,
खाटु में रंगो की बौछार हैं,
नीले घोड़े पे आए सरकार है।2।

रंग होली का सांवरे पे चढ़ने लगा,
श्याम जी पे गुलाल अब उड़ने लगा,
पिचकारी भर भर सब मारे है,
नीले घोड़े पे आए सरकार है,
खाटु में रंगो की बौछार हैं,
नीले घोड़े पे आए सरकार है।3।

प्रेमियों संग ‘गुप्ता’ भी आने लगा,
फूलों से सांवरिया मेरा सजने लगा,
इतरो से महके सारा दरबार है,
नीले घोड़े पे आए सरकार है,
खाटु में रंगो की बौछार हैं,
नीले घोड़े पे आए सरकार है।4।

खाटु में रंगो की बौछार हैं,
नीले घोड़े पे आए सरकार है।5।

श्याम बाबा के दरबार में होली सिर्फ रंगों की नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और आनंद की होती है। यह भजन हमें खाटू के रंगीले माहौल और श्याम प्रेम के अद्भुत अनुभव से जोड़ता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो “सिर पे पगड़ी राजस्थानी, बागो रंग केसरिया, सांवरिया म्हाने थारो दीदार चाहिए, और “श्याम पिया जी खेलो रंग के होली आई” जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम प्रेम में रंग जाएं। जय श्री श्याम! 🙏💙

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