श्री कृष्ण भजन: प्रेम, भक्ति और आनंद का संगम

श्री कृष्ण भजन सुनना और गाना, न सिर्फ आत्मा को शांति देता है बल्कि मन को भी सुकून से भर देता है। जब भी हम कृष्ण जी के भजन को सुनते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे हमारे भीतर भक्ति की एक नई लहर उठ रही हो। Krishna Bhajan सिर्फ एक संगीत नहीं, बल्कि हमारे हृदय को श्री कृष्ण की भक्ति में रंग देने वाला एक अनुभव है। कान्हा के प्रेम से सराबोर ये भजन हमें उनके दिव्य लीलाओं, स्नेह, करुणा और बाल रूप की छवि से जोड़ते हैं।

चाहे वह सांवरी सूरत पे मोहन का मधुर जप हो या फिर कितना प्यारा है सिंगार लिरिक्स, इन भजनों की धुनें मन को ऐसी शांति देती हैं, जो किसी और चीज़ से नहीं मिल सकती। जब भी मन अशांत हो या जीवन में उलझनें हों, इन भजनों को सुनना मन को स्थिर कर देता है और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव कराता है। अगर आप भी श्री कृष्ण की भक्ति में डूबना चाहते हैं, तो यहां कृष्ण भजन लिरिक्स दिया गया है जो इस प्रकार है-

Top- Krishna Bhajan List

हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
विनती हमारी सुन ले मुरारी,
आये है हम तो दर पे तेरे,
ओ बनवारी,
हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।1।

गोकुल मेरे होंठों पे हो,
मथुरा मेरी आँखों में हो,
हो द्वारिका की मन में छवि,
एक वृन्दावन मेरी साँसो में हो,
एक वृन्दावन मेरी साँसो में हो,
हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।2।

इतनी कृपा हम पे करो,
रंग मे तेरे रंग जाये हम,
भूले से भी ना तुझको प्रभु,
दिल से कभी बिसराये हम,
दिल से कभी बिसराये हम,
हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।3।

हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
विनती हमारी सुन ले मुरारी,
आये है हम तो दर पे तेरे,
ओ बनवारी,
हे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।4।

दया करो मेरे श्याम कृपा करो मेरे श्याम

बांह पकड़ लो मेरी,
आया जग छोड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करो मेरे श्याम,
कृपा करों मेरे श्याम।।1।।

कुछ तो बताओ बाबा,
गलती हमारी,
रो रो के पूछे कब से,
अखियां बेचारी,
मुझको क्षमा अब कर दो,
कहूं हाथ जोड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करों मेरें श्याम,
कृपा करों मेरे श्याम।।2।।

नरसी को तारा तुमने,
मीरा को तारा,
इसीलिए कहते तुमको,
हारे का सहारा,
प्रेमियों के टेर पर,
गए तुम दौड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करों मेरें श्याम,
कृपा करों मेरे श्याम।।3।।

जो भी कहोगे मुझे,
वो ही करूंगा,
तुम्हारे बिना मैं एक पल,
रह ना सकूंगा,
कहता है ‘सागर’ तुमसे,
कहता है ‘राजू’ तुमसे,
दिल से दिल को जोड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करों मेरें श्याम,
कृपा करो मेरे श्याम।।4।।

बांह पकड़ लो मेरी,
आया जग छोड़ के,
देखो इधर भी क्यों,
बैठे मुख मोड़ के,
दया करों मेरे श्याम,
कृपा करों मेरे श्याम।।5।।

इस Kanha Bhajan Lyrics में भक्ति, प्रेम और अटूट विश्वास की गहरी अनुभूति समाई हुई है। यह भजन एक भक्त की व्याकुलता को दर्शाता है, जो अपने श्याम सुंदर के दर्शन के लिए तड़प रहा है। गीत के माध्यम से भक्त अपनी कल्पना में कान्हा के सान्निध्य का अनुभव करता है और विश्वास करता है कि प्रभु उसे हर कठिनाई से उबारेंगे। यह भजन आत्म-समर्पण और श्रद्धा की भावनाओं को बड़ी ही मधुरता से प्रकट करता है, जिससे मन प्रेम और भक्ति में डूब जाता है। भक्तों को पूर्ण विश्वास है कि श्री कृष्ण की कृपा से एक न एक दिन उन्हें अवश्य उनके दिव्य दर्शन प्राप्त होंगे।

FAQ

कृष्ण भगवान के भजन सुनने या गाने के क्या लाभ हैं?

इनके भजन भगवान कृष्ण की महिमा का गुणगान करने वाले भक्तिगीत होते हैं, जो प्रेम, भक्ति और आध्यात्मिक आनंद से भरपूर होते हैं।

क्या ये भजन केवल भक्तों के लिए ही हैं?

क्या कान्हा भजन सुबह-सुबह सुनने से विशेष लाभ मिलता है?

क्या मैं अपने किसी विशेष कार्य के लिए इस भजन का उपयोग कर सकता हूँ?

क्या ये भजन किसी भी भाषा में गाए जा सकते हैं?

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