भक्त रहे ना पहले जैसे श्याम को कौन मनाएगा

भक्त रहे ना पहले जैसे, श्याम को कौन मनाएगा यह भजन हमें एक गहरी आध्यात्मिक सच्चाई से जोड़ता है। जब भक्ति का स्तर बदलता है, तो भगवान की कृपा पाने का तरीका भी प्रभावित होता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि श्यामसुंदर की कृपा उन्हीं पर बरसती है, जो सच्चे मन से उन्हें पुकारते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से अपने भीतर झांकें और श्याम के प्रेम में डूबें।

Bhakt Rahe Na Pahle Jaise Shyam Ko Koun Manayega

भक्त रहे ना पहले जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा,
खाटू वाला नीले चढ़कर,
किसके खातिर आएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।1।

किसकी सुनेगा बात भला अब,
कौन भला अब बोलेगा,
मोरछड़ी से बंद तालों को,
कौन भला अब खोलेगा,
श्याम बहादुर जी के जैसा,
दूजा ना मिल पाएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।2।

ढूंढे लेकिन भाव मिले ना,
बाबा तेरे कीर्तन में,
अपने अपने नाम का लालच,
लेकर बैठे है मन में,
श्याम अखाड़ा आलू सिंह जी,
जैसा कौन लगाएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।3।

शिवचरण जी के भावों में,
श्याम धणी खो जाते थे,
हाथ पकड़कर हर अक्षर को,
दीनानाथ दिखाते थे,
भजनों की अनमोल यह माला,
कैसे ‘सचिन’ चढ़ाएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।4।

भक्त रहे ना पहले जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा,
खाटू वाला नीले चढ़कर,
किसके खातिर आएगा,
भक्त रहें ना पहलें जैसे,
श्याम को कौन मनाएगा।5।

कृष्ण भक्ति केवल गीतों तक सीमित नहीं, बल्कि यह हमारे हृदय की पुकार होती है। भक्त रहे ना पहले जैसे भजन हमें याद दिलाता है कि हमें श्यामसुंदर के चरणों में अपनी निष्ठा बनाए रखनी चाहिए। जब मन डगमगाने लगे, तो हमें उनके पवित्र भजनों का सहारा लेना चाहिए। जैसे “श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, कान्हा रे, थारी मुरली की धुन, और “राधे राधे बोल, श्याम मिलेगा“, ये सभी भजन हमें कृष्ण प्रेम की गहराई में ले जाते हैं। हर क्षण उनका स्मरण करें और अपने हृदय को श्याम मय बना लें। 🙏💙

Share

Leave a comment