एक हरि को छोड़ किसी की चलती नहीं है मनमानी

इस संसार में अनेक शक्तिशाली व्यक्ति और शासक आए और चले गए, लेकिन सच्चा स्वामी केवल भगवान विष्णु ही हैं। आज हम एक हरि को छोड़ किसी की चलती नहीं है मनमानी भजन का पाठ करेंगे, जो हमें यह स्मरण कराता है कि सच्ची शक्ति और सत्ता केवल भगवान विष्णु के हाथों में है। आइए, इस भजन के माध्यम से उनके चरणों में अपना समर्पण अर्पित करें।

Ek Hari Ko Chhorh Kisi Ki Chalti Nahi Hai Manmani

एक हरि को छोड़ किसी की,
चलती नहीं है मनमानी,
चलती नही है मनमानी……

लंकापति रावण योद्धा ने,
सीता जी का हरण किया,
इक लख पूत सवालख नाती,
खोकर कुल का नाश किया,
धान भरी वो सोने की लंका,
हो गई पल मे कूल्धानि,
एक हरि को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी……

मथुरा के उस कंस राजा ने,
बहन देवकी को त्रास दिया,
सारे पुत्र मार दीये उसने,
तब प्रभु ने अवतार लिया,
मार गिराया उस पापी को,
था मथुरा मे बलशाली,
एक हरि को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी…..

भस्मासुर ने करी तपस्या,
शंकर से वरदान लिया,
शंकर जी ने खुश होकर उसे,
शक्ति का वरदान दिया,
भस्म चला करने शंकर को,
शंकर भागे हरीदानी,
एक हरी को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी…….

उसे मारने श्री हरि ने,
सुंदरी का रुप लिया,
जेसा जेसा नाचे मोहन,
वेसा वेसा नाच किया,
अपने हाथ को सर पर रखकर,
भस्म हुआ वो अभिमानी,
एक हरी को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी……

सुनो सुनो ए दुनिया वालो,
पल भर मे मीट जाओगे,
गुरु चरणों मे जल्दी जाओ,
हरि चरणों को पाओगे,
भजनानद कहे हरी भजलो,
दो दिन की है ज़िन्दगानी,
एक हरि को छोड़ किसी की,
चलती नही है मनमानी…….

भगवान विष्णु ही इस ब्रह्मांड के संचालक हैं, और उनकी इच्छा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। “एक हरि को छोड़ किसी की चलती नहीं है मनमानी” भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें अपने अहंकार को त्यागकर श्रीहरि की भक्ति में लीन हो जाना चाहिए। इस सत्य को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप “श्री हरि की महिमा अपार , गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो , नारायण, नारायण जय गोविंद हरे” और “संकट हरन श्री विष्णु जी” जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की असीम कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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