नाम हरि का जपले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा

नाम हरि का जपले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा भजन भगवान श्री कृष्ण के नाम का जप करने की महिमा को उजागर करता है। इसमें भक्त यह सिखाता है कि जब कोई व्यक्ति भगवान के पवित्र नाम का जप करता है, तो वह संसारिक दुखों और परेशानियों से मुक्त हो जाता है। यह भजन भक्तों को प्रेरित करता है कि वे भगवान के नाम का जप करें और अपने जीवन को सार्थक बनाएं, क्योंकि हरि का नाम ही मुक्ति का मार्ग है।

Naam Hari Ka Japle Bande Phir Piche Pachtaayega

नाम हरी का जप ले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा

तू कहता है मेरी काया काया का घुमान क्या,
चाँद सा सुन्दर यह तन तेरे मिटटी में मिल जाएगा,
फिर पीछे पछतायेगा……

बाला पन में खेला खाया आया जवानी मस्त रहा
बूडा पन में रोग सताए खाट पड़ा पछतायेगा,

वहां से क्या तू लाया बन्दे यहाँ से क्या ले जाएगा,
मुठ्ठी बाँध के आया जग में हाथ पसारे जाएगा,

जपना है सो जपले बन्दे आखिर तो मिट जाएगा,
कहत कबीर सुनो भाई साधो करनी का फल पायेगा,

नाम हरि का जपले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा भजन हमें यह समझाता है कि भगवान के नाम का जप ही जीवन का सर्वोत्तम उपाय है। जब हम भगवान के नाम का जप करते हैं, तो हम उनके आशीर्वाद से दुखों और परेशानियों से मुक्त हो जाते हैं। भगवान का नाम हमारे जीवन को शुद्ध और आनंदित करता है। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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