भारत में कई प्रसिद्ध शनि मंदिर स्थित हैं, जो अपनी अलग-अलग विशेषताओं और धार्मिक मान्यताओं के कारण भक्तों के लिए विशेष आकर्षण रखते हैं। इन Shani Mandir में प्रतिदिन हजारों भक्त शनि देव के दर्शन और पूजा के लिए आते हैं। इस लेख में हम शनिदेव के प्रमुख मंदिरों की जानकारी, उनकी महिमा और वहाँ तक पहुँचने के साधनों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
प्रमुख Shani Mandir और उनकी विशेषताएँ
हमने प्रमुख शनि मंदिरों को इमेज के साथ आपके लिए मुख्य रूप से निचे उपलब्ध कराया है:
शनि शिंगणापुर, महाराष्ट्र

- यह मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध Shani Dev Temple में से एक है।
- यहाँ शनिदेव की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे स्थित है, और यहाँ किसी भी घर में दरवाजे नहीं होते।
- यहाँ तक पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन शिर्डी (70 किमी) और औरंगाबाद हवाई अड्डा (90 किमी) है।
शनिचरा मंदिर, मुरैना, मध्य प्रदेश

- यह मंदिर शनिदेव की प्राचीन प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है, जो उल्कापिंड से बनी हुई बताई जाती है।
- यहाँ हर शनिवार को विशेष अनुष्ठान और भंडारे का आयोजन किया जाता है।
- यहाँ पहुँचने के लिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन (30 किमी) और मुरैना रेलवे स्टेशन (18 किमी) से टैक्सी या बस सेवा उपलब्ध है।
जूनी इंदौर शनि देव मंदिर, मध्य प्रदेश

- इसे दुनिया का सबसे प्राचीन शनि मंदिर माना जाता है।
- यहाँ शनिदेव का विशेष सिंदूर अभिषेक किया जाता है।
- यह इंदौर रेलवे स्टेशन से 5 किमी की दूरी पर स्थित है।
असोला शक्ति पीठ, दिल्ली

- यह दिल्ली के महरौली में स्थित है और यहाँ शनि देव की सबसे बड़ी अष्टधातु की मूर्ति है।
- निकटतम मेट्रो स्टेशन छत्तरपुर मेट्रो स्टेशन है, जहाँ से ऑटो या टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।
तिरुनल्लर शनि भगवान मंदिर, तमिलनाडु

- यह मंदिर भारत के नौ ग्रह मंदिरों में से एक है और इसे शनिपीठ भी कहा जाता है।
- यहाँ शनि दोष निवारण पूजा करने के लिए विशेष मान्यता प्राप्त है।
- निकटतम रेलवे स्टेशन कारैक्कल रेलवे स्टेशन (5 किमी) है।
Shani Dev Temple, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश

- यह मंदिर प्रतापगढ़ जिले में स्थित है और इसे उत्तर भारत का सबसे प्रसिद्ध शनि धाम माना जाता है।
- यहाँ प्रत्येक शनिवार को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।
- निकटतम रेलवे स्टेशन प्रतापगढ़ जंक्शन (15 किमी) है।
मंदिर में शनि देव की पूजन विधि
- शनि देव की पूजा विशेष रूप से शनिवार को की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शनि देव के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
- शनिदेव को तेल, काले तिल, उड़द, लोहे की वस्तुएँ और नीले फूल अर्पित करें।
- शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
- जरूरतमंदों को दान दें और गरीबों की सेवा करें।
भारत में Shani Mandir आस्था, विश्वास और भक्ति के प्रमुख केंद्र हैं। शनिदेव की पूजा से व्यक्ति के जीवन में न्याय, अनुशासन और सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। जो लोग शनि की साढ़ेसाती या ढैया से पीड़ित होते हैं, वे इन मंदिरों में आकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। अगर आप भी शनिदेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी मंदिर में जाकर सच्चे मन से पूजा करें और अपनी आस्था को मजबूत करें।
FAQ
शनि शिंगणापुर मंदिर की क्या विशेषता है?
यहाँ शनिदेव की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे स्थापित है। इस गाँव में घरों में दरवाजे नहीं होते, क्योंकि यहाँ चोरी नहीं होती।
मंदिर जाने के लिए कौन सा दिन सबसे शुभ होता है?
शनिवार को शनिदेव की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है।
क्या महिलाएँ शनि भगवान मंदिर में पूजा कर सकती हैं?
हाँ, महिलाएँ इनके मंदिर में दर्शन कर सकती हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर तेल चढ़ाने की मनाही होती है।
शनि मंदिर में दर्शन का शुभ मुहूर्त कब होता है?
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय शनिदेव की पूजा सबसे शुभ मानी जाती है, खासकर शनिवार और अमावस्या के दिन।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म