कनक भवन दरवाजे पड़े रहो लिरिक्स

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो एक सुंदर भजन है जिसमें भगवान श्रीराम के भव्य महल (कनक भवन) का वर्णन किया गया है। इस भजन में भगवान श्रीराम के महल के दरवाजे खुले होने की बात की जाती है, जो दर्शाते हैं कि भगवान के दरवाजे हमेशा अपने भक्तों के लिए खुले रहते हैं। यह भजन हमें यह संदेश देता है कि हम जब भी प्रभु श्रीराम के पास जाएंगे, वे हमें प्रेम से स्वीकार करेंगे। भगवान राम का दरबार हमेशा हमारे स्वागत के लिए तैयार है, बस हमें सच्चे मन से उन्हें पुकारने की आवश्यकता है।

Kanak Bhavan Darwaje Pade Raho – Lyrics

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो,
जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो।1।

सुघर सोपान द्वार सुहावे,
छटा मनोहर मोहे मन भावे,
सुन्दर शोभा साजे पड़े रहो,
कनक भवन दरवाजे पड़े रहों,
जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो।2।

आवत जात संत जन दर्शत,
दर्शन करि के सुजन मन हर्षत,
देखत कलि मल भागे पड़े रहो,
कनक भवन दरवाजे पड़े रहों,
जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो।3।

अवधबिहारी सिंघासन सोहे,
संग श्रीजनकलली मन मोहे,
अति अनुपम छवि छाजे पड़े रहो,
कनक भवन दरवाजे पड़े रहों,
जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो।4।

श्रीसियाराम रूप हिय हारि,
लखि ‘राजेश’ जाए बलिहारी,
कोटि काम रति लाजे पड़े रहो,
कनक भवन दरवाजे पड़े रहों,
जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो।5।

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो,
जहाँ सियारामजी विराजे पड़े रहो।6।

कनक भवन दरवाजे पड़े रहो भजन में श्रीराम के दरबार की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। जैसे राम के भक्त ही राज करेगा और राम का नाम है प्यारा भजन में हम पाते हैं, श्रीराम के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं, वे कभी अपने भक्तों को नहीं तंग करते। उनकी महिमा और भक्ति में ऐसा अद्भुत शक्ति है कि उनके दरवाजे पर कभी कोई नहीं ठुकराया जाता। भगवान श्रीराम के चरणों में हमारे हर दर्द और दुख की समाप्ति है। जय श्रीराम!

Share

Leave a comment