पालकी सोने की मेरे राम प्रभु की आई लिरिक्स

पालकी सोने की मेरे राम प्रभु की आई भजन भगवान श्रीराम के आगमन और उनके प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। इस भजन में भगवान राम की पालकी के सजे-धजे आने की कल्पना की जाती है, जो भक्तों के दिलों में राम के प्रति प्रेम और श्रद्धा की गहरी भावना को जगाती है। यह भजन राम के प्रति भक्तों के आस्था और विश्वास को प्रकट करता है, जो हर हाल में उनके चरणों में आस्था रखने का संदेश देता है।

Palki Sone Ki Mere Ram Prabhu Ki Aayi

पालकी सोने की,
मेरे राम प्रभु की आई,
विराजे राघव जी,
संग सीता चारों भाई।1।

सुंदर सुंदर रत्न जड़ें है,
हाथ जोड़ सब भक्त खड़ें है,
भला करे रघुराई,
पालकी सोने कि,
मेरे राम प्रभु की आई।2।

पवन देव पथ साफ करत है,
वरुण देव जल छिड़क रहत है,
कर सेवा फल पाई,
पालकी सोने कि,
मेरे राम प्रभु की आई।3।

हरि चरणों में पुष्प बरसते,
दर्शन को सब देव तरसते,
हे प्रभु बनो सहाई,
पालकी सोने कि,
मेरे राम प्रभु की आई।4।

जो चलता संग राम की फेरी,
कटे कष्ट ना लगती देरी,
‘ओम सैन’ गुण गाई,
पालकी सोने कि,
मेरे राम प्रभु की आई।5।

पालकी सोने की,
मेरे राम प्रभु की आई,
विराजे राघव जी,
संग सीता चारों भाई।6।

पालकी सोने की मेरे राम प्रभु की आई भजन श्रीराम के स्वागत और उनकी महिमा को दर्शाता है। जैसे राम नाम प्यारा है राम नाम गाएजा भजन में भगवान राम के नाम की महिमा का वर्णन किया गया है, वैसे ही इस भजन में राम के आगमन के आनंद और उनके भक्तों के दिलों में बसने की बात की गई है। राम सम नहीं कोई और उदार भजन की तरह इस भजन में भी राम के अद्भुत गुणों की महिमा की जाती है, जो हमें हमेशा उनके साथ जुड़ने और उनके नाम का जप करने की प्रेरणा देती है। जय श्रीराम!

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