आज गली गली अवध सजायेंगे भजन में भगवान श्रीराम के स्वागत की दिव्य अनुभूति और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि जैसे ही श्रीराम अयोध्या में लौटे, पूरे नगर ने उन्हें अपने घरों से स्वागत किया। प्रत्येक गली, हर मोड़ पर खुशियाँ छाईं, और भगवान श्रीराम के स्वागत के लिए लोग अपने दिलों को खोल कर उनका स्वागत करते हैं।
Aaj Gali Gali Avadh Sajayenge
आज गली गली अवध सजायेंगे,
आज पग पग पलक बिछाएंगे,
आज सूखे हुए पेड़ फल जाएंगे,
नैना भीगे भीगे जाए,
कैसे ख़ुशी ये छुपाये,
राम आएँगे,
कुछ समझ ना पाए,
कहाँ फूल बिछाए,
राम आएँगे,
नैना भीगे भीगे जाए,
कैसे खुशी ये छुपाए,
राम आएँगे।1।
सरजू जल थल जल थल रोई,
जिस दिन राघव हुए पराए,
ओ बिरहा के सौ पर्वत पिघले,
हे रघुराई तब तुम आए,
ये वही क्षण है निरंजन,
जिसको दशरथ देख ना पाए,
सात जन्मों के दुख कट जाएंगे,
आज सरजू के तट मुस्काएंगे,
मोरे नाचेंगे पपिहा आज गाएंगे
आज दसों ये दिशाएं,
जैसे शगुन मनाए,
राम आएँगे,
नैना भीगे भीगे जाए,
कैसे खुशी ये छुपाए,
राम आएँगे,
कभी ढोल बजाए,
कभी द्वार सजाए,
राम आएँगे,
कुछ समझ ना पाए,
कहाँ दीप जलाएं,
राम आएँगे।2।
जाके आसमनों से,
तारे मांग लाएंगे,
कौशल्या के लल्ला जी,
तुम्ही पे सब लुटाएंगे,
चौदह साल जो रोके,
वो आंसू अब बहाएंगे,
अवध में राम आएँगे,
हमारे राम आएँगे।3।
नील गगन से सांवले,
कोटि सूर्य सा तेज,
नारायण तज आए है,
शेष नाग की सेज,
राघव राघव करते थे,
युग युग से दिन रेन,
आज प्रभु ने दर्श दिया,
धन्य हुए है नैन।4।
नतमस्तक है तीन लोक और,
सुर नर करे प्रणाम,
एक चंद्रमा एक सूर्य,
एक जगत में राम,
एक जगत में राम,
एक जगत में राम।5।
आज दसों ये दिशाएं,
जैसे शगुन मनाए,
राम आएँगे,
नैना भीगे भीगे जाए,
कैसे खुशी ये छुपाए,
राम आएँगे,
कभी ढोल बजाए,
कभी द्वार सजाए,
राम आएँगे,
कुछ समझ ना पाए,
कहाँ दीप जलाएं,
राम आएँगे।6।
आज गली गली अवध सजायेंगे,
आज पग पग पलक बिछाएंगे,
आज सूखे हुए पेड़ फल जाएंगे,
नैना भीगे भीगे जाए,
कैसे ख़ुशी ये छुपाये,
राम आएँगे।7।
आज गली गली अवध सजायेंगे भजन में जिस प्रकार से अयोध्या नगरी सज रही है, वही भावनाएँ हम भगवान श्रीराम के अन्य भजनों राम राज ये आ गया और राम लला घर आए है में भी देख सकते हैं। इन भजनों के माध्यम से हमें श्रीराम के प्रति अपने श्रद्धा और विश्वास को और भी गहरा करने का अवसर मिलता है। जैसे श्रीराम का स्वागत पूरे अयोध्या में हर्ष और उल्लास के साथ हुआ, वैसे ही हमें भी अपने जीवन में श्रीराम के आशीर्वाद का स्वागत करना चाहिए। श्रीराम के भजन हमारे जीवन को शक्ति, शांति और समृद्धि से भर देते हैं। जय श्रीराम!

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile