वर्षीतप का पारणा आया लिरिक्स

वर्षीतप का पारणा आया भजन जैन धर्म की महत्वपूर्ण तपस्या और उसकी महिमा को उजागर करता है। यह भजन विशेष रूप से तपस्या के समापन पर पारणा के समय की खुशी और आशीर्वाद का प्रतीक है। तपस्वियों द्वारा किए गए कठोर व्रतों और तपों के बाद जब पारणा की प्रक्रिया पूरी होती है, तो यह भगवान की कृपा और तपस्या के सफल होने का संकेत होता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम तपस्या की महिमा को समझें और तपस्वियों के इस दिव्य अनुभव का आभास करें।

Varshitap Ka Parana Aaya Lyrics

आदेश्वर दादा की,
ये किरपा बरसी रे,
तप की ये फुलवारी,
जो खूब महकी रे,
आओ हम सब मिलकर,
ये उत्सव मनाये रे,
वर्षीतप का पारणा आया,
शुभ वेला ये आई रे,
आये है तपस्वी आज आंगणे।1।

गुरुवर की ये किरपा,
है रंग लाई रे,
भव भव की पुण्याई,
भी संग आई रे,
तपस्वी के स्वागत में,
हम पलके बिछाए है,
वर्षी तप का पारणा आया,
शुभ वेला ये आई रे,
आये है तपस्वी आज आंगणे।2।

आदेश्वर दादा की,
ये किरपा बरसी रे,
तप की ये फुलवारी,
जो खूब महकी रे,
आओ हम सब मिलकर,
ये उत्सव मनाये रे,
वर्षीतप का पारणा आया,
शुभ वेला ये आई रे,
आये है तपस्वी आज आंगणे।3।

वर्षीतप का पारणा एक पवित्र अवसर है, जो तपस्या के सफलता के बाद भक्तों को भगवान की आशीर्वाद और आशीर्वाद का अहसास कराता है। वर्षीतप का पारणा आया जैसे भजन हमें तपस्या की महिमा का अनुभव कराते हैं और आस्था में वृद्धि करते हैं। इसी भक्ति को और प्रगाढ़ करने के लिए “जिन शासन की आराधना , नवकार मंत्र की महिमा , तपस्वी के लिए आशीर्वाद , और “धार्मिक उपदेशों की शक्ति” जैसे अन्य जैन भजनों को पढ़ें और अपनी भक्ति को सशक्त करें। 🙏

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