जब भक्ति सच्ची होती है, तो आराध्य स्वयं अपने भक्तों के संकट हरने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। थे पार्श्व प्रभु ने कह द्यो, भेरूजी सिफारिश करदियो भजन इसी अटूट विश्वास और आस्था का प्रतीक है। यह भजन बताता है कि पार्श्वनाथ भगवान और नाकोड़ा भैरव जी की कृपा से भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जब भक्त समर्पण की भावना से उनके चरणों में प्रार्थना करता है, तो वे स्वयं उसके पक्ष में सिफारिश कर, उसे हर संकट से उबार लेते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से नाकोड़ा भैरव जी की कृपा का गुणगान करें।
The Pashvar Prabhu Ne Kah Dhyo Bheruji Sifarish Kar Diyo
थे पार्श्व प्रभु ने कह द्यो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।1।
जाणो हो थे मन की बांता,
थाने के बतलावां,
खोल दियो थारे आगे पिटारों,
थांसु काई छिपावां,
म्हारे सिर पे हाथ धरदियो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।2।
नसीब होवे खोटो म्हारो,
तू मालिक है मोटो,
भरियोडो है थारो खजानों,
पड़े न ऊणमे टोटो,
भक्ता री झोलियां भरदियो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।3।
सुण लेसी जद पार्श्वनाथ तो,
‘दिलबर’ ने बतइजो,
पार्श्व प्रभु के संग भेरूजी,
म्हारी कुटिया में आईजो,
भक्ता री विनती सुणल्यो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।4।
थे पार्श्व प्रभु ने कह द्यो,
भेरूजी सिफारिश करदियो,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
केवो भक्ता रे आंगणिये,
खुशियो री बारिश करदियो,
थे पार्श्व प्रभु ने कहदियो।5।
जैन जी के भजन हमें भक्ति और श्रद्धा की शक्ति का अनुभव कराते हैं। थे पार्श्व प्रभु ने कह द्यो, भेरूजी सिफारिश करदियो भजन भी हमें यह अनुभूति कराता है कि जब हम सच्चे मन से भक्ति करते हैं, तो न केवल भैरव दादा, बल्कि स्वयं पार्श्वनाथ भगवान भी हमारे कल्याण के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं। यदि यह भजन आपके मन में श्रद्धा का संचार करे, तो “नाकोड़ा भैरव जी की अपार कृपा , जय हो भैरव बाबा की , भक्तों के संकट हरने वाले भैरव” और “नाकोड़ा जी का चमत्कारी दरबार” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और भैरव दादा की भक्ति में रम जाएं। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः