संयम और आत्मशुद्धि का मार्ग ही सच्चे धर्म का आधार है। संयम का ये पथ भैया, आतम का ठिकाना है भजन हमें यह संदेश देता है कि आत्मा की सच्ची शांति और मोक्ष की प्राप्ति केवल संयम, तप और सद्धर्म के पालन से ही संभव है। यह भजन जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है, जहां संयम, त्याग और आत्मचिंतन को सर्वोपरि माना गया है। आइए, इस भजन के माध्यम से संयम और आत्मचिंतन के इस पावन संदेश को आत्मसात करें।
Sanyam Ka Ye Path Bhaiya Aatam Ka Thikana Hai
संयम का ये पथ भैया,
आतम का ठिकाना है,
बनके संयमी एक दिन,
तुझे शिवपुर जाना है,
संयम का यह पथ भैय्या,
आतम का ठिकाना है।1।
दादा के दुलारे हो,
दादी के प्यारे हो,
रिस्ते ये दुनिया के,
सब छोड़ के जाना है,
संयम का यह पथ भैय्या,
आतम का ठिकाना है।2।
पापा तेरे दिल का मैं,
प्यारा सा टुकड़ा हूँ,
छोड़ दुनियादारी को,
घर आतम सजाना है,
संयम का यह पथ भैय्या,
आतम का ठिकाना है।3।
मैय्या पे क्या बित रही,
दुनिया वाले क्या जाने,
कलेजे के टुकड़े को,
अपने हाथों रवाना है,
संयम का यह पथ भैय्या,
आतम का ठिकाना है।4।
बहना तेरा भाई हूँ,
पर एक मुसाफिर हूँ,
दुनिया का बसेरा तो,
आखिर भूल जाना है,
संयम का यह पथ भैय्या,
आतम का ठिकाना है।5।
भैय्या मेरे जीवन मे,
तेरी याद सदा रहेगी,
अपना ये मानस तो,
ज्ञानिसा बनाना है,
संयम का यह पथ भैय्या,
आतम का ठिकाना है।6।
संयम का ये पथ भैया,
आतम का ठिकाना है,
बनके संयमी एक दिन,
तुझे शिवपुर जाना है,
संयम का यह पथ भैय्या,
आतम का ठिकाना है।7।
जैन जी के भजन हमें धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। “संयम का ये पथ भैया, आतम का ठिकाना है भजन भी हमें यह अनुभूति कराता है कि आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की राह केवल संयम, साधना और सत्य के पालन से ही संभव है। यदि यह भजन आपको आत्मचिंतन और धर्म के मार्ग पर प्रेरित करे, तो “पारस म्हारो नाकोड़ा रा नाथ , पर्वो में पर्युषण हम जैनों की शान , संवत्सरी का शुभ दिन है ये, आओ कर लें क्षमापना” और “आओ नवकार का जाप हम करें” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और संयम व भक्ति के मार्ग को अपनाएं। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः