नंदनी खुदनी के नंदन करते हम तुमको वन्दन

जब भक्ति का दीप मन में प्रज्वलित होता है, तब हर क्षण आराधना और वंदन में समर्पित हो जाता है। नंदनी खुदनी के नंदन, करते हम तुमको वंदन भजन हमें श्रद्धा और भक्ति के उस भाव से जोड़ता है, जो सच्चे समर्पण से जन्म लेता है। यह भजन पूज्य गुरु और आराध्य देव की महिमा का गुणगान करता है, जिनकी कृपा से जीवन में धर्म, शांति और आध्यात्मिक आनंद का संचार होता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम भी अपनी भक्ति को प्रगाढ़ करें और वंदन अर्पित करें।

Nandani Khudani Ke Nandan Karate Hai Tumko Vandan

नंदनी खुदनी के नंदन,
करते हम तुमको वन्दन,
हर्षित है गुरु भक्तो का मन,
दीक्षा दिवस है एकावन,
जय गुरुवरम जय गुरुवरम,
जय सुरिवरम जय सुरिवरम,
जिनशासन की शान है,
तप चारित्र महान है,
श्री जिन मनोज्ञ सुरि गुरुराज तो,
हम भक्तो के है भगवन,
जय गुरुवरम जय गुरुवरम,
जय सुरिवरम जय सुरिवरम।1।

हो खरतर गच्छ के दिव्य सितारे,
स्वभाव जिनका सरल,
वैराग्य के पथ पर बढ़ते जा रहे,
प्रण है जिनका अटल,
श्री कांति सूरि जी के शिष्य प्यारे,
श्री प्रताप सागर के राज दुलारे,
संघ समाज के हित चिंतक बन,
करते है चिंतन हरदम,
जय गुरुवरम जय गुरुवरम,
जय सुरिवरम जय सुरिवरम।2।

ब्रहमसर तीर्थ के है उधारक,
नागेंद्र तीर्थ के स्वप्न द्रस्ठा,
कई मंदिर जीर्णोद्धार कराये,
कराई प्रभु की प्रतिस्ठा,
संघ एकता का बिगुल बजाया,
कई संघो का मतभेद मिटाया,
ऐसे उपकारी गुरुवर को,
आओ करे वन्दन,
जय गुरुवरम जय गुरुवरम,
जय सुरिवरम जय सुरिवरम।3।

एकावन वे दीक्षा दिवस की,
बधाई बारम्बार,
त्यागी वैरागी गुरुवर,
जिन शासन सिणगार,
श्री जिन मनोज्ञ सूरि गुरुराज हमारी,
बधाई करो स्वीकार,
लख लख देता बधाई ‘दिलबर’,
गुरु भक्त परिवार,
जय गुरुवरम जय गुरुवरम,
जय सुरिवरम जय सुरिवरम।4।

नंदनी खुदनी के नंदन,
करते हम तुमको वन्दन,
हर्षित है गुरु भक्तो का मन,
दीक्षा दिवस है एकावन,
जय गुरुवरम जय गुरुवरम,
जय सुरिवरम जय सुरिवरम,
जिनशासन की शान है,
तप चारित्र महान है,
श्री जिन मनोज्ञ सुरि गुरुराज तो,
हम भक्तो के है भगवन,
जय गुरुवरम जय गुरुवरम,
जय सुरिवरम जय सुरिवरम।5।

जैन जी के भजन हमें भक्ति और श्रद्धा के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। नंदनी खुदनी के नंदन, करते हम तुमको वंदन भजन भी हमें यह सिखाता है कि जब हम सच्चे मन से वंदन करते हैं, तो हमें आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति की अनुभूति होती है। यदि यह भजन आपके मन में भक्ति भाव जागृत करे, तो “कांतिसुरी जी रा लाडला श्री जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज , सूरी राया रे म्हारा गुरु राया रे , करे वंदन हम आपको गुरुवर” और “संयम का ये पथ भैया आतम का ठिकाना है” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और धर्म-भक्ति में लीन हों। 🙏

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