हमें शत्रुंजय बुलाया है भजन जैन धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक शत्रुंजय पर्वत की महिमा को प्रकट करता है। यह भजन भक्तों के हृदय में शत्रुंजय तीर्थ के प्रति गहरी श्रद्धा और आस्था को जागृत करता है। शत्रुंजय पर्वत के दर्शन से जीवन में शांति, सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह भजन हमें उस पवित्र स्थल की ओर आकर्षित करता है, जहाँ हर कदम पर तीर्थंकरों का आशीर्वाद और दिव्य ऊर्जा अनुभव की जाती है।
Hame Shantrunjay Bulaya Hai Lyrics
जय आदेश्वर जय शत्रुंजय,
जय जय हो गिरिराज,
आदि नाम निराला है,
भक्तो को प्यारा है,
आया दादा का संदेसा,
हमे शत्रुंजय बुलाया है,
जय आदेश्वर जय शत्रुंजय,
जय जय हो गिरिराज।1।
सारे तीर्थो में ये है महान,
चलो मिल चले पावन धाम,
जहाँ विराजे है,
मेरे आदिनाथ भगवान,
जय आदेश्वर जय शत्रुंजय,
जय जय हो गिरिराज।2।
जय आदेश्वर जय शत्रुंजय,
जय जय हो गिरिराज,
आदि नाम निराला है,
भक्तो को प्यारा है,
आया दादा का संदेसा,
हमे शत्रुंजय बुलाया है,
जय आदेश्वर जय शत्रुंजय,
जय जय हो गिरिराज।3।
शत्रुंजय पर्वत पर चढ़कर भगवान के दर्शन करने का अनुभव अत्यधिक दिव्य और शांति देने वाला होता है। हमें शत्रुंजय बुलाया है जैसे भजन हमें शत्रुंजय तीर्थ की महिमा और वहां के दिव्य वातावरण का आभास कराते हैं। इसी भक्ति को और प्रगाढ़ करने के लिए शत्रुंजय तीर्थ वंदना, जिन शासन की आराधना, नवकार मंत्र की महिमा, और तीर्थंकरों की वंदना जैसे अन्य जैन भजनों को पढ़ें और अपनी भक्ति को सशक्त करें। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः