दादा भेरू दादा बोल जरा भजन लिरिक्स

दादा भेरू दादा बोल जरा भजन भेरू जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति का एक अभिव्यक्तिकरण है। यह भजन भेरू जी के प्रति विश्वास और भक्ति की गहरी भावना को उजागर करता है, जिसमें भक्त अपनी आस्था के साथ भेरू जी के चरणों में विनती करता है। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि जब हम भक्ति से अपने आराध्य देव को पुकारते हैं, तो उनकी कृपा और आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है। आइए, इस भजन के माध्यम से हम अपने हृदय में भेरू जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति की लौ जलाएं।

Dada Bheru Dada Bol Jara Bhajan Lyrics

दादा भेरू दादा बोल जरा,
तू जयकार लगा,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
दिल मे ज्योत जगा,
मेवा नगर की पहाड़ियों में,
भेरू दादा का है वास,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
तू जयकार लगा।1।

पारस प्रभु की सेवा में,
रहते है भैरव हरपल,
काला गोरा भैरव की,
प्रभु भक्ति है ये अटल,
पारस प्रभु है वीतरागी,
भैरव देव है बलकारी,
पार्श्व प्रभु पालनहारे,
भैरव देव है चमत्कारी,
पार्श्व प्रभु है अर्न्तयामी,
भैरव देव संकट हारी,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
तू जयकार लगा।2।

दुनिया तेरी दीवानी है दादा,
तेरी ही मेहरबानी दादा,
तेरी कृपा का मिला जो खजाना,
हुआ ‘दिलबर’ मैं तेरा दीवाना,
ये ‘अनमोल’ बोले दादा,
हमसब बोले दादा,
ये दुनिया सारी बोले दादा,
भेरू दादा बस दादा,
भैरव देवा करू तेरी सेवा,
आके तेरे दरबार,
इस दिल से जब भी,
निकले होगी तेरी जय जयकार,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
तू जयकार लगा।3।

दादा भेरू दादा बोल जरा,
तू जयकार लगा,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
दिल मे ज्योत जगा,
मेवा नगर की पहाड़ियों में,
भेरू दादा का है वास,
दादा भेरू दादा बोंल जरा,
तू जयकार लगा।4।

भेरू जी के दरबार में श्रद्धा और विश्वास से की गई प्रार्थना हमेशा फलित होती है। दादा भेरू दादा बोल जरा जैसे भजन हमें भेरू जी की महिमा और उनकी कृपा का अहसास कराते हैं। इसी भक्ति को और प्रगाढ़ करने के लिए “नाकोड़ा भैरव जी की वंदना , भेरू जी के दरबार में अरदास , नवकार मंत्र की महिमा , और “भैरव भजन की शक्ति” जैसे अन्य जैन भजनों को पढ़ें और अपनी भक्ति को सशक्त करें। 🙏

Share

Leave a comment