भक्ति का सच्चा आनंद तब मिलता है जब हम प्रेम और श्रद्धा से अपने आराध्य के द्वार पर पहुँचते हैं। चलो चलो भक्तो भैरव दादा के द्वार भजन नाकोड़ा भैरव देव की असीम कृपा और भक्ति के महत्व को प्रकट करता है। जब भी कोई भक्त श्रद्धा और समर्पण से भैरव दादा के चरणों में आता है, तो उसे अपार शांति और सुख की प्राप्ति होती है। यह भजन हमें नाकोड़ा भैरव देव की भक्ति में लीन होने और उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।
Chalo Chalo Bhakto Bhairav Dada Ke Dwar Lyrics
चलो चलो भक्तो,
भैरव दादा के द्वार,
भैरव दादा के द्वार,
डमरू वाले के द्वार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।1।
मेवानगर की पहाड़ियों में,
मंदिर बना है प्यारा,
पार्श्व प्रभु के संग विराजे,
माँ अम्बे का दुलारा,
नाकोड़ा ये धाम कहाता,
है सच्चा दरबार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।2।
समकित धारी देव निराला,
चमत्कार दिखलाये,
एक बार जो जाये दर पे,
वो सब कुछ पा जाये,
डमरू वाला दादा लुटाता,
भक्तो पे है प्यार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।3।
इनके जैसा देव न दूजा,
देखा इस संसार में,
खुशियों की बारिश ये करता,
भक्तो के परिवार में,
कलयुग में चलती है हुकूमत,
इनकी ही सरकार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।4।
नाकोड़ा चलने की भक्तो,
कर लेना तैयारी,
कहता ‘दिलबर’ चलो भरत भाई,
आई पूनम प्यारी,
‘नितिन’ कहे दादा के दर पे,
लगी है लंबी कतार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।5।
चलो चलो भक्तो,
भैरव दादा के द्वार,
भैरव दादा के द्वार,
डमरू वाले के द्वार,
चलो चलो भक्तों,
भैरव दादा के द्वार।6।
जैन जी के भजन हमें भक्ति, श्रद्धा और समर्पण की राह दिखाते हैं। चलो चलो भक्तो भैरव दादा के द्वार भजन हमें यह सिखाता है कि जब हम प्रेमपूर्वक अपने आराध्य के दर्शन करने जाते हैं, तो उनकी कृपा से सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं। यदि यह भजन आपके हृदय में भक्ति भाव उत्पन्न करे, तो “हर पूनम को दादा, मैं नाकोड़ा आऊँगा , भेरू दादा के दर्शन पाना, के हर पूनम नाकोड़ा जी आना , नगरी नाकोड़ा री प्यारी, दर्शन आवे दुनिया सारी” और “तेरी कृपा का कोई छोर नहीं, पार्श्व भैरव भजन” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और भक्ति के इस आनंद में डूब जाएँ। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः