जब भक्ति सच्चे मन से की जाती है, तो आराध्य अपने भक्तों को बिना मांगे ही सब कुछ प्रदान कर देते हैं। बिन मांगे सब कुछ पाया, मैं जबसे शरण में आया भजन भैरव देव की कृपा और दयालुता का भाव प्रकट करता है। यह भजन हमें यह विश्वास दिलाता है कि जब हम संपूर्ण श्रद्धा के साथ नाकोड़ा भैरव जी की शरण में आते हैं, तो हमारे सभी दुख-दर्द मिट जाते हैं और हमें अपार सुख-शांति प्राप्त होती है। यह भजन हमें उनकी भक्ति में रमने के लिए प्रेरित करता है।
Bin Mange Sab Kuchh Paya Main Jabse Sharan Me Aaya
बिन मांगे सब कुछ पाया,
मैं जबसे शरण में आया,
मेरे साथ हमेशा रहते,
प्रभु पार्श्व ये बनके साया,
बिन माँगे सब कुछ पाया।1।
मैं जिसको ढूंढ रहा था,
वो शंखेस्वर में मिले है,
इनकी कृपा से मेरी,
बगिया में फूल खिले है,
मेरे सिर पर हाथ रखकर,
बस प्यार ही प्यार लुटाया,
मेरे साथ हमेशा रहते,
प्रभु पार्श्व ये बनके साया,
बिन माँगे सब कुछ पाया।2।
हे शंखेस्वर के स्वामी,
सुनलो जग अंतर्यामी,
जब जब भी पड़ी जरूरत,
तेरी याद आई है स्वामी,
तेरे ही भरोसे दादा,
सपनो के महल बनाऊं,
तू देकर भूलने वाला,
मैं हरदम हाथ फैलाऊं,
तेरा कैसे कर्ज चुकाऊँ,
कितने एहसान गिनाऊँ,
तू देकर भूलने वाला,
मैं हरदम हाथ फैलाऊं।3।
जबसे मिला ये द्वारा,
चमका किस्मत का सितारा,
इनके ही नाम से चलता,
सब भक्तो का ये गुजारा,
तुमको इस दिल में बिठाकर,
‘दिलबर’ तुझे अपना बनाया,
मेरे साथ सदा ही रहते,
प्रभु पार्श्व ये बनके साया।4।
बिन मांगे सब कुछ पाया,
मैं जबसे शरण में आया,
मेरे साथ हमेशा रहते,
प्रभु पार्श्व ये बनके साया,
बिन माँगे सब कुछ पाया।5।
जैन जी के भजन हमें भक्ति और श्रद्धा की शक्ति का अनुभव कराते हैं। बिन मांगे सब कुछ पाया, मैं जबसे शरण में आया भजन भी हमें यह संदेश देता है कि जब हम पूर्ण समर्पण के साथ भैरव देव की शरण में आते हैं, तो वे हमें हर संकट से उबारते हैं और जीवन को सुख-समृद्धि से भर देते हैं। यदि यह भजन आपके मन में भक्ति भाव जागृत करे, तो “नाकोड़ा भैरव जी की अपार कृपा , जय हो भैरव बाबा की , भक्तों के संकट हरने वाले भैरव” और “नाकोड़ा जी का चमत्कारी दरबार” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और नाकोड़ा भैरव जी की भक्ति में लीन हो जाएं। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः