नाकोड़ा भैरव जी की नगरी भक्तों के हृदय में बसती है, जहां हर क्षण भक्ति और श्रद्धा का संचार होता है। भेरू देव की नगरिया बाज रहिया घुँघरिया भजन इसी दिव्य वातावरण को प्रकट करता है। इस भजन में भैरव देव की महिमा का गुणगान किया गया है, जहां उनकी नगरी में भक्ति के सुर गूंजते हैं, आरती की घंटियां बजती हैं और भक्तों के हृदय में श्रद्धा उमड़ती है। आइए, इस भजन के माध्यम से भक्ति की इस अनुपम अनुभूति का आनंद लें।
Bheru Dev Ki Nagariya Baaj Rahiya Ghunghariya
जय भेरू जय भेरू बोलो,
जय भेरू जय भेरू,
डम डम डम डम डमरू बाजे,
बाजे है घुँघरिया,
हो भेरू देव की नगरिया,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
भेरू देव की नगरियाँ,
भक्ति का रंग ऐसा छाया,
नाचे मन बावरियाँ,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।1।
धुन डमरू की जब जब भी बाजे,
दादुर मोर पपीहा भी नाचे,
ऐसा डमरू बजाया भेरव देव ने,
नाद डमरू पहाड़ो में गाजे,
हो..हो भैरव देवा,
डमरू बाजे भक्त ये नाचे,
नाकोड़ा नगरियाँ,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।2।
धुन डमरू की देवो को लुभाये,
स्वर्ग छोड़ धरती पे वो आये,
पुष्प बरसाये दसो दिशायें,
स्वागत करती है आज फिजायें,
हो…हो भैरव देवा,
भैरव देव ही देखु मैं तो,
जाये जीत नजरियां,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।3।
डमरू वाले का दीवाना संसार है,
बैठा नाकोड़ा में करता चमत्कार है,
धन्य हुआ ये टुकलिया परिवार है,
दिलबर प्रवीण को मिला दरबार है,
हो…हो भैरव देवा,
उषा के स्वरों में बहता,
भक्ति का ये दरिया,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।4।
जय भेरू जय भेरू बोलो,
जय भेरू जय भेरू,
डम डम डम डम डमरू बाजे,
बाजे है घुँघरिया,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
भेरू देव की नगरिया,
भक्ति का रंग ऐसा छाया,
नाचे मन बावरियाँ,
हो भेरू देव की नगरियाँ,
बाज रहिया,
भेरू दादा रा घुँघरिया,
बाज रहिया,
डमरू वाले की नगरियाँ।5।
जैन जी के भजन हमें भक्ति की गहराइयों तक ले जाते हैं और हमारे हृदय में श्रद्धा की लौ प्रज्वलित करते हैं। भेरू देव की नगरिया बाज रहिया घुँघरिया भजन भी हमें यह अनुभव कराता है कि नाकोड़ा भैरव जी का दरबार भक्ति, आनंद और कृपा का केंद्र है। यदि यह भजन आपके मन में भक्ति भाव जगाए, तो “नाकोड़ा भैरव जी की अपार कृपा , जय हो भैरव बाबा की , भक्तों के संकट हरने वाले भैरव” और “नाकोड़ा जी का चमत्कारी दरबार” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और नाकोड़ा भैरव जी की भक्ति में रम जाएं। 🙏

मैं धर्म पाल जैन, जैन धर्म का एक निष्ठावान अनुयायी और भगवान महावीर की शिक्षाओं का प्रचारक हूँ। मेरा लक्ष्य है कि लोग भगवान महावीर के संदेशों को अपनाकर अपने जीवन में शांति, संयम और करुणा का संचार करें और अपने जीवन को सदाचार और आध्यात्मिक शांति से समृद्ध कर सके। मैं अपने लेखों के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेश, भक्तामर स्तोत्र, जैन धर्म के सिद्धांत और धार्मिक अनुष्ठान को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर जैन अनुयायी इनका लाभ उठा सके।View Profile ॐ ह्रीं अर्हं नमः