ये देख तमाशा जग का भीतर से दुख पाऊं

इस संसार की चकाचौंध केवल बाहरी है, लेकिन भीतर से यह कई दुखों और परेशानियों से भरा हुआ है। ये देख तमाशा जग का, भीतर से दुख पाऊं भजन इसी गहरे भाव को प्रकट करता है, जहाँ भक्त इस दुनिया के दिखावे और छल-प्रपंच को देखकर व्यथित हो जाता है। लेकिन जब वह श्याम बाबा की शरण में आता है, तो उसे सच्ची शांति और सुकून मिलता है। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्याम बाबा के चरणों में अपनी व्यथा समर्पित करें।

Ye Dekh Tamasha Jag Ka Bhitar Se Dukh Paun

ये देख तमाशा जग का,
भीतर से दुख पाऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।1।।

तुझे अपने पास बिठाके,
रख लूं मैं तुम्हे छिपा के,
मतलब से भरी निगाहें,
ना देखे नजर उठाके,
बस तू हो मैं हूं बाबा,
मैं भजन तेरे गाऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।2।

जो चमत्कार को तेरे,
ये नमस्कार करते है,
व्यापार करे वो बाबा,
नहीं तुमसे प्यार करते है,
में सेवा करूंगा तेरी,
तुमसे ना कुछ चाहूँ,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।3।

तू देना छोड़ दे बाबा,
ना भेज तू खर्चा घर का,
आते है लोट कर कितने,
फिर देख नजारा दर का,
हो जाओ ‘सचिन’ के बाबा,
कुछ ऐसा कर जाऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।4।

ये देख तमाशा जग का,
भीतर से दुख पाऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं,
मेरा दिल करता है श्याम को,
मैं घर पे ले आऊं।।5।।

इस संसार का दिखावा क्षणिक है, लेकिन श्याम बाबा की भक्ति सच्ची और शाश्वत है। जब हम पूरी श्रद्धा से उनकी शरण में आते हैं, तब वे हमारे सभी दुख हर लेते हैं। उनकी इस अनमोल कृपा को श्याम पे रख विश्वास, वो पार लगाएगा, जिसको ये दुनिया हराए, उसे श्याम जिताए, अब तो आ जा खाटू के श्याम, खाटू वाले श्याम बाबा तेरी महिमा न्यारी है जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा की भक्ति में लीन होकर अपने जीवन को भक्तिमय बनाएं। जय श्री श्याम! 🙏💛

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