सोच के बस एक बात रुह मुस्काती है

सोच के बस एक बात रुह मुस्काती है —यह भजन एक गहरी आध्यात्मिक विचारधारा से जुड़ा हुआ है। इसमें भक्ति का वास्तविक अर्थ और श्याम जी के प्रति एक अदृश्य प्रेम को महसूस किया जाता है। यह भजन हमें यह समझाता है कि जब हम श्याम जी के बारे में सोचते हैं, तो हमारी आत्मा को सुकून मिलता है और एक शांतिपूर्ण मुस्कान हमारे हृदय में उभरती है। कभी भी श्याम जी की यादें हमारे जीवन में आनंद और सुख का संचार करती हैं, और जब भी हम उन्हें याद करते हैं, तो हमारे दिल में एक अनोखी ताजगी का अहसास होता है।

Soch Ke Bas Ek Bat Rooh Muskati Hai

सोच के बस एक बात,
रुह मुस्काती है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है।।1।।

जिस दीपक की लौ की रक्षा,
करता खाटू वाला
आंधी चाहे तूफ़ा आए,
वो नहीं बुझने वाला,
बुरा वक्त तो,
बस मेंढक बरसाती है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है।।2।।

जिस नैया का खुद ही कन्हैया,
जब हो खेवन हारा,
लहरे ही खुद उस नैया को,
दे देती है किनारा,
सजदे में अपने,
मुश्किल झुक जाती है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है।।3।।

पग पग पे हालात हमारा,
पल पल जज्बा नापे,
अंधा भरोसा है हमको,
अपने सच्चे बाबा पे,
‘गोलू’ है अंधा तो,
श्याम मेरी लाठी है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है।।4।।

सोच के बस एक बात,
रुह मुस्काती है,
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है
खाटू वाला श्याम हमारा साथी है।।5।।

जब हम सोच के बस एक बात रुह मुस्काती है भजन को पढ़ते हैं, तो यह हमें श्याम जी के प्रति हमारी अव्यक्त श्रद्धा और प्रेम की गहरी अनुभूति कराता है। भक्त की आत्मा को श्याम जी की यादों में एक ऐसी शांति मिलती है, जो उसे बाहरी दुनिया के सभी संघर्षों से ऊपर उठा देती है। इस भजन में हमें यह समझने का अवसर मिलता है कि श्याम जी के नाम और ध्यान से ही आत्मा को शांति मिलती है। तेरा मंदिर मन को भा गया और तेरे बगैर सांवरे मेरा कोई नहीं जैसे भजनों को पढ़कर हम अपने हृदय में श्याम जी के प्रेम को और भी प्रगाढ़ कर सकते हैं। जय श्री श्याम! 🙏💙

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