श्याम की सेवा मिले और कुछ मिले ना मिले

श्याम की सेवा मिले और कुछ मिले ना मिले—यह भजन सच्ची भक्ति और निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है। जब कोई भक्त श्याम बाबा की सेवा में अपना मन लगा लेता है, तब उसे संसार की अन्य चीजों की कोई परवाह नहीं रहती। यह भजन सेवा और समर्पण की महिमा को दर्शाता है और हमें यह सिखाता है कि भक्ति में सबसे बड़ा सुख भगवान की सेवा करने में ही है।

Shyam Ki Sewa Mile Aur Kuch Mile Na Mile

श्याम की सेवा मिले,
और कुछ मिले ना मिले,
श्याम की छाया तले,
ना रहें शिकवे ना रहें कोई गिले।1।

श्याम बना है जबसे साथी,
परवाह नहीं कल की,
ना कोई चिंता ना कोई शंका,
चाह नहीं फल की।2।

बीते लम्हे जीवन के मैं,
जब जब याद करूँ,
श्याम कृपा जो पाई मैं तब,
तब एहसास करूँ।3।

इतराऊँ क़िस्मत पे मेरी,
श्याम का प्यार मिला,
शीश के दानी खाटू वाले,
का दरबार मिला।4।

थामे रखना हाथ सदा तुम,
दास की ये विनती,
अपने प्यारों में ही करना,
आप मेरी गिनती।5।

श्याम की सेवा मिले,
और कुछ मिले ना मिले,
श्याम की छाया तले,
ना रहें शिकवे ना रहें कोई गिले।6।

खाटू श्याम बाबा की सेवा सबसे बड़ा सौभाग्य है। जो भी सच्चे मन से उनकी शरण में आता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है। अगर यह भजन आपके मन को भक्ति की राह पर ले गया, तो बाबा सब कुछ देख रहा है घट घट की वो जाने, तेरे होते मेरी हार बाबा कैसे होंगी, और तू टेंशन मत ले यार सांवरिया देख रहा जैसे अन्य भजनों को भी अवश्य करें और श्याम प्रेम में डूब जाएं। जय श्री श्याम! 🙏💙🎶

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