श्रीश्याम का दरबार वह स्थान है, जहाँ हर भक्त की पुकार सुनी जाती है और हर मनोकामना पूरी होती है। भजन ओ खाटू वाले, मुझे दर पे बुला ले एक भक्त की उस प्रबल इच्छा को दर्शाता है, जिसमें वह अपने आराध्य के दर्शन के लिए तड़पता है और श्रीश्याम से विनती करता है कि वे उसे अपने पावन दरबार में बुला लें। यह भजन हमें भक्ति के उस भाव में ले जाता है, जहाँ आत्मा प्रभु के चरणों में समर्पण के लिए व्याकुल हो उठती है।
O Khatu Wale Mujhe Dar Pe Bulale
ओ खाटू वाले मुझे,
दर पे बुला ले,
दर पे बुला के मुझे,
दर पे बुला के मुझे,
अपना बना ले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।।1।।
जिसको भी समझा था,
मैंने अपना,
आंखें खुली तो बस,
रह गया सपना,
आंखें खुली तो बस,
रह गया सपना,
चरणों में अपने मुझे,
चरणों में अपने मुझे,
तू ही बिठा ले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।।2।।
जब से बिठाया मन के,
मंदिर में तुमको,
नहीं कोई चिंता रही,
जीवन में मुझको,
नहीं कोई चिंता रही,
जीवन में मुझको,
रंग जाऊं तेरे रंग में,
रंग जाऊं तेरे रंग में,
ऐसा रंग घुला ले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।।3।।
जोड़ा है तुमसे मैंने,
जन्मों नाता,
शीश के दानी तू मेरे,
भाग्य का विधाता,
शीश के दानी तू मेरे,
भाग्य का विधाता,
रोए ‘मनीष’ तो बाबा,
रोए मनीष तो बाबा,
तू ही संभाले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।।4।।
ओ खाटू वाले मुझे,
दर पे बुला ले,
दर पे बुला के मुझे,
दर पे बुला के मुझे,
अपना बना ले,
ओ खाटु वाले मुझे,
दर पे बुला ले।।5।।
श्रीश्याम का दरबार भक्तों की आस्था का केंद्र है, जहाँ जाने मात्र से जीवन धन्य हो जाता है। जो भी प्रेम और श्रद्धा से उन्हें पुकारता है, वे उसकी हर पुकार का उत्तर देते हैं। ऐसे ही भक्तिमय भजनों को पढ़ें और करें, जैसे खाटू में बैठ्यो दीनानाथ रे ,ग्यारस का त्यौहार है, गाड़ी खड़ी या तैयार है ,म्हारो सेठ रूखालो, मेरी गाड़ी को डिलेवर और कृपा तेरी है सरकार, मेरो मौज करे परिवार, जिससे श्रीश्याम की भक्ति और भी गहरी हो जाए। 🙏💙