नैनो की प्यास बुझा दे रे मेरे बांके बिहारी

नैनो की प्यास बुझा दे रे मेरे बांके बिहारी —यह भजन उन भक्तों की भावना को प्रकट करता है, जो श्री कृष्ण के दर्शन के लिए तड़पते हैं। जब भक्त का मन प्रेम और भक्ति में डूब जाता है, तब उसकी आँखें केवल अपने प्रिय ठाकुर के दर्शन की अभिलाषा करती हैं। यह भजन श्री बांके बिहारी जी के अद्भुत स्वरूप की झलक पाने की व्याकुलता और उनकी कृपा से मन की तृप्ति को दर्शाता है।

Naino Ki Pyas Bujha De Re Mere Banke Bihari

नैनो की प्यास बुझा दे रे,
मेरे बांके बिहारी।।

दोहा – ढूंढत ढूंढत युग गयो,
हर सुबह गई हर शाम,
ना जानू कित छिप गयो,
मिल्यो ना मेरो श्याम।।

नैनो की प्यास बुझा दे रे,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।।1।।

वृंदावन की गलियां सुहानी,
वृंदावन की गलियां सुहानी,
मुझको भी दर पे बुला ले रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।।2।

होंठों पर रख कर के मुरलिया,
होंठों पर रख कर के मुरलिया,
मीठी सी तान सुना दे रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।।3।

तेरे चरणों तक कैसे आऊं,
तेरे चरणों तक कैसे आऊं,
मुझको भी रस्ता दिखा दे रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।।4।

राधे ने कैसे तुझको पाया,
राधे ने कैसे तुझको पाया,
हमको भी नुस्खा बता दे रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।।5।

कब से ‘बेधड़क’ ‘लख्खा’ पुकारे,
कब से ‘बेधड़क’ ‘लख्खा’ पुकारे,
चरणों से मुझको लगा ले रे,
मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।।6।

नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी मेरे बांके बिहारी,
बांके बिहारी मेरे बांके बिहारी,
नैनों की प्यास बुझादे रे,
मेरे बांके बिहारी।।7।

बांके बिहारी जी अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते, उनकी एक झलक ही जन्मों का उद्धार कर सकती है। यदि यह भजन आपको अच्छा लगा, तो तेरे ही बदौलत सांवरे परिवार है मेरा , पकड़ ली है मेरी कलाई प्रभु ने , और मेरी अर्जी सुनो श्याम सुंदर अब ना कोई बहाना चलेगा जैसे भजनों को भी अवश्य करें और श्री कृष्ण प्रेम में डूब जाएं। जय श्री कृष्ण! 🙏🎶✨

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