श्याम बाबा और उनके भक्तों का रिश्ता अनमोल और अनदेखे प्रेम से भरा होता है। ना जाने कौन सा रिश्ता मेरा बाबा निभाता है भजन इसी भावना को प्रकट करता है, जहाँ भक्त अनुभव करता है कि श्याम बाबा उसके हर सुख-दुख में साथ खड़े होते हैं, बिना किसी शर्त के, बिना किसी स्वार्थ के। जब सारा संसार साथ छोड़ देता है, तब भी श्याम बाबा अपने भक्तों का हाथ थामे रहते हैं। आइए, इस भजन को पढ़ें और बाबा के इस अनमोल रिश्ते को महसूस करें।
Na Jane Kaun Sa Rishta Mera Baba Nibhata Hai
ना जाने कौन सा रिश्ता,
मेरा बाबा निभाता है,
अगर राहों में गिर जाऊं,
वो आकर के उठाता है,
ना जाने कौनसा रिश्ता,
मेरा मोहन निभाता है।।1।।
कभी बाबुल कभी मैया,
कभी भैया बना मेरा,
मैं हंसती हूँ तो हँसता हैं,
मैं रो दूँ तो मनाता है,
ना जाने कौनसा रिश्ता,
मेरा मोहन निभाता है।।2।।
सदा संग है मेरे बाबा,
यही महसूस होता है,
वो बन राही सांवरिया जी,
मुझे रस्ता दिखाता है,
ना जाने कौनसा रिश्ता,
मेरा मोहन निभाता है।।3।।
रसिक दरकार ना मुझको,
ये झूठे प्यार वालों की,
मेरा सब कुछ है सांवरिया,
जो इतना प्रेम लुटाता है,
ना जाने कौनसा रिश्ता,
मेरा मोहन निभाता है।।4।।
ना जाने कौन सा रिश्ता,
मेरा बाबा निभाता है,
अगर राहों में गिर जाऊं,
वो आकर के उठाता है,
ना जाने कौनसा रिश्ता,
मेरा मोहन निभाता है।।5।।
श्याम बाबा का प्रेम बिना किसी अपेक्षा के, बिना किसी शर्त के बहता है। उनकी इस अपार कृपा और भक्तों के प्रति उनके प्रेम को हारे के सहारे श्याम, मुझे गले लगा लो ना, श्याम पे रख विश्वास, वो पार लगाएगा, जिसको ये दुनिया हराए, उसे श्याम जिताए, बाबा धीरे-धीरे बहे मेरी आँख से पानी जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा की भक्ति में लीन होकर उनके प्रेम और आशीर्वाद का अनुभव करें। जय श्री श्याम! 🙏💛