मेरा यार सुदामा आया है

श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता अद्वितीय प्रेम और निस्वार्थ भक्ति का प्रतीक है। मेरा यार सुदामा आया है भजन इस अमर मित्रता को संजोता है, जिसमें श्रीकृष्ण अपने प्रिय सखा सुदामा के आगमन पर प्रेम से अभिभूत हो जाते हैं। यह भजन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और प्रेम के आगे कोई भी सांसारिक भेदभाव मायने नहीं रखता—प्रभु के लिए प्रेम ही सबसे बड़ा धन है।

Mera Yaar Sudama Aaya Hai

दौड़े दौड़े आए कृष्णा,
जब सुना सुदामा आया है,
दौड़े दौड़े आए कृष्णा,
मेरा यार सुदामा आया है,
मुरली है कहीं और मुकुट कहीं,
मुरली है कहीं और मुकुट कहीं,
तन मन सुधबुध बिसराया है।।1।।

हृदय से लगा के सुदामा को,
प्रभु लिपट लिपट के रोए है,
प्रभु लिपट लिपट के रोए है,
जिनसे धीरज पाती दुनिया,
वो धीरज अपना खोए है,
वो धीरज अपना खोए है,
तन मन है विकल नैनों में है जल,
और देखो गला भर आया है,
दौड़े दौड़े आए कृष्णा,
जब सुना सुदामा आया है।।2।

बड़भागी कौन ये आया है,
अचरज में खड़े सब सोच रहे,
अचरज में खड़े सब सोच रहे,
मिट्टी और धूल जो तन पे लगी,
प्रभु पीतांबर से पोंछ रहे,
प्रभु पीतांबर से पोंछ रहे,
बड़े प्रेम से माधव ने उनको,
सिंहासन पे बैठाया है,
दौड़े दौड़े आए कृष्णा,
जब सुना सुदामा आया है।।3।

ये राज पाट ये धन वैभव,
मानो सब इसका ही है दिया,
मानो सब इसका ही है दिया,
कर सकता कोई और नहीं,
जो काम सुदामा ने है किया,
जो काम सुदामा ने है किया,
मेरे भाग्य के दुख और निर्धनता,
ये अपने नाम लिखवाया है,
दौड़े दौड़े आए कृष्णा,
जब सुना सुदामा आया है।।4।

दौड़े दौड़े आए कृष्णा,
जब सुना सुदामा आया है,
दौड़े दौड़े आए कृष्णा,
मेरा यार सुदामा आया है,
मुरली है कहीं और मुकुट कहीं,
मुरली है कहीं और मुकुट कहीं,
तन मन सुधबुध बिसराया है।।5।

श्रीकृष्ण अपने भक्तों की भक्ति का सदा मान रखते हैं और प्रेमपूर्वक उन्हें गले लगाते हैं। उनकी कृपा से सुदामा धन्य हो गए, और हम भी उनकी भक्ति में लीन रहकर धन्य हो सकते हैं। उनकी महिमा को और अधिक महसूस करने के लिए इन सुंदर भजनों को पढ़ें और करें – देखे बिना तुझे सांवरे मेरा दिल ना लगेगा, मोहे लागी लगन राधा वल्लभ से, तेरे दर्शन की अखियों को प्यास है और जय जय हो प्यारे नंदलाल की जय बोलो गोपाल की श्रीकृष्ण की भक्ति से मन का हर कोना प्रेम और आनंद से भर जाएगा। 🙏💙

Share

Leave a comment