भक्त जब भी श्याम बाबा के दरबार में आता है, तो खाली हाथ नहीं लौटता। वह अपनी श्रद्धा और प्रेम के साथ बाबा से अपनी इच्छाएं माँगता है और बाबा भी अपने भक्तों को निराश नहीं करते। मांगने आया हूँ मैं लेकर जाऊंगा भजन इसी अटूट विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। जब मन में श्रद्धा और आत्मा में भक्ति हो, तो बाबा की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। आइए, इस भजन को पढ़ें और इस भक्ति भाव में डूब जाएं।
Mangne Aaya Hun Main Lekar Jaunga
लाज मेरी ना जाएगी जो,
हाथ फैलाऊंगा,
मांगने आया हूँ,
मैं लेकर जाऊंगा।।1।।
सभी को मिलता है,
प्रभु देखा मैंने,
बड़ी उम्मीद से दर पे,
माथा टेका मैंने,
तुम ही सुनोगे तुमको ही,
आवाज लगाऊंगा,
लाज मेरी ना जाएगी जो,
हाथ फैलाऊंगा,
माँगने आया हूं,
मैं लेकर जाऊंगा।।2।।
मेरी औकात है जितनी,
मैं उतना मांगता हूं,
दयालु तुम भी बड़े हो,
यह भी मैं जानता हूं,
तुम्हारी मर्जी के आगे कुछ,
कर ना पाऊंगा,
लाज मेरी ना जाएगी जो,
हाथ फैलाऊंगा,
माँगने आया हूं,
मैं लेकर जाऊंगा।।3।।
तुम्हारे प्रेम के मोती,
मैं इस झोली में पाऊं,
बने संबंध जो तुमसे,
सहज के मैं रख पाऊं,
तेरे लिए जो फर्ज है मेरा,
सदा निभाऊंगा,
लाज मेरी ना जाएगी जो,
हाथ फैलाऊंगा,
माँगने आया हूं,
मैं लेकर जाऊंगा।।4।।
लाज मेरी ना जाएगी जो,
हाथ फैलाऊंगा,
मांगने आया हूँ,
मैं लेकर जाऊंगा।।5।।
श्याम बाबा का दरबार देने वाला दरबार है, यहाँ हर भक्त को उसकी आस्था के अनुसार कृपा मिलती है। बाबा के चरणों में सिर झुकाने वाला कभी खाली हाथ नहीं लौटता। इसी भाव को मांगो दातार से खाटू दरबार से, बाबा पे विश्वास होना चाहिए, जो बोले जय श्री श्याम उनकी झोली भर देना और तेरी कृपा जबसे हुई है जो ना मांगा था वो भी मिल गया जैसे भजनों में भी व्यक्त किया गया है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम नाम की महिमा को अपने हृदय में बसाएं। जय श्री श्याम! 🙏💛