जीवन में जब चारों ओर भीड़ होती है, तब भी मन कभी-कभी खुद को अकेला महसूस करता है। यह वही पल होते हैं जब आत्मा अपने ईष्ट को पुकारती है, जब हृदय को सिर्फ अपने प्रिय प्रभु का सहारा चाहिए। जब ढूंढूं अकेलापन मन शोर मचाता है भजन इसी भाव को प्रकट करता है, जहाँ मनुष्य इस संसार की भीड़ में भी अपने प्रिय श्याम की तलाश करता है। आइए, इस भावपूर्ण भजन को पढ़ें और अपने मन की गहराइयों में बसे श्याम से जुड़ने का प्रयास करें।
Jab DhunDhun Akelapan Man Shor Machata Hai
जब ढूंढूं अकेलापन,
मन शोर मचाता है,
तू साथ में होने का,
एहसास दिलाता है,
जब ढूंढू अकेलापन।।1।।
ये समय का पहिया तो,
निश्चित ही घूमेगा,
अंधियारो में राही,
रस्ता भी ढूंढेगा,
इन राहों में जब कोई,
दीपक दिख जाता है,
तू साथ में होने का,
एहसास दिलाता है,
जब ढूंढू अकेलापन।।2।।
लालच में देख कोड़ी,
मन बार बार दौड़ा,
धन जोड़ लिया झूठा,
सच्ची पूंजी को छोड़ा,
सच बोलू जब ये धन,
मेरे काम ना आता है,
तू साथ में होने का,
एहसास दिलाता है,
जब ढूंढू अकेलापन।।3।।
मालूम है ये मुझको,
वो घड़ी भी आनी है,
माटी की ये काया,
माटी हो जानी है,
कर्मो का निशा ‘वैभव’,
यादों को बनाता है,
तू साथ में होने का,
एहसास दिलाता है,
जब ढूंढू अकेलापन।।4।।
जब ढूंढूं अकेलापन,
मन शोर मचाता है,
तू साथ में होने का,
एहसास दिलाता है,
जब ढूंढू अकेलापन।।5।।
श्याम बाबा की भक्ति हमें हर कठिन घड़ी में संबल देती है। जब मन उदास हो, जब दुनिया से अलग-थलग महसूस हो, तब एकमात्र सहारा श्याम नाम ही होता है। यही अनुभूति हमें दिल से बुला लो बाबा बात करेगा, सहारा सांवरे का है मुझे क्या लेना दुनिया से, करले भरोसा श्याम पे प्यारे तेरा साथ निभाएगा और एक दिन मैंने सांवरिए से कह दी मन की बात जैसे भजनों में भी मिलती है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम जी की कृपा में अपना मन समर्पित करें। जय श्री श्याम! 🙏💙