इसीलिए बाबा ने मेरे कीर्तन ये कराया है

इसीलिए बाबा ने मेरे कीर्तन ये कराया है —यह भजन श्याम जी के प्रेम और उनके भक्तों के लिए विशेष मार्गदर्शन को दर्शाता है। जब कोई भक्त पूरी श्रद्धा और प्रेम से कीर्तन करता है, तो श्याम जी की कृपा उसे अपने जीवन में अनुभव होती है। इस भजन में कीर्तन के माध्यम से श्याम जी का आशीर्वाद प्राप्त करने की भावना को व्यक्त किया गया है, और यह संदेश भी दिया गया है कि श्याम जी के भक्तों को कभी भी अकेला नहीं छोड़ते। यह भजन हमारे जीवन में श्याम के नाम की महिमा को फैलाने का एक माध्यम बनता है।

Isiliye Baba Ne Mere Kirtan Ye Karaya Hai

श्यामधणी ने ये दरबार,
खुद सजवाया है,
दूर दूर से भगतों को,
कीर्तन में बुलाया है,
ना.. ना.. ना..,
हम सबसे मिलने का खयाल,
दिल में आया है,
इसीलिए बाबा ने मेरे,
कीर्तन ये कराया है।।1।।

बैठा है सांवरा,
तू मत घबराना,
चाहे जो मांग लेना,
जरा न शरमाना,
इंतजार की घड़ी,
अब नही बाकी,
सज गई मेरे सांवरे की,
ये सूंदर झांकी,
बाबा ने भगतों को,
दिल में बिठाया है,
इसलिए भगतों को,
कीर्तन में बुलाया है,
खाटू से लीले चढ़ के,
बाबा आया है,
दूर दूर से भगतों को,
कीर्तन में बुलाया है,
ना.. ना.. ना..,
हम सबसे मिलने का खयाल,
दिल में आया है,
इसीलिए बाबा ने मेरें,
कीर्तन ये कराया है।।2।।

आ गए हो दर पे तो,
कीर्तन भी गा लो,
नाच के झूम के,
झोलियां भरवा लो,
ये मेरा सांवरा,
बांट के राजी,
भगतों को जितवाता है,
हारी हुई बाजी,
बाबा ने भगतों को,
हर बार जिताया है,
इसीलिए भगतों को,
कीर्तन में बुलाया है,
भगतों की झोली भरने को,
बाबा आया है,
दूर दूर से भगतों को,
कीर्तन में बुलाया है,
ना.. ना.. ना..,
हम सबसे मिलने का खयाल,
दिल में आया है,
इसीलिए बाबा ने मेरें,
कीर्तन ये कराया है।।3।।

भगतों का बाबा से,
एक भाव का रिश्ता,
भाव हो जिसके दिल में,
वो ही समझ सकता,
भगतों के बीच में ही,
मन इनका लगता,
देखकर भगतों को इनका,
चेहरा है खिलता,
बाबा ने ही ‘अम्बरीष’ का भी,
मान बढ़ाया है,
इसलिए भगतों को,
कीर्तन में बुलाया है,
झूमो नाचो मिलजुल करके,
ये समझाया है,
दूर दूर से भगतों को,
कीर्तन में बुलाया है,
ना.. ना.. ना..,
हम सबसे मिलने का खयाल,
दिल में आया है,
इसीलिए बाबा ने मेरें,
कीर्तन ये कराया है।।4।।

श्यामधणी ने ये दरबार,
खुद सजवाया है,
दूर दूर से भगतों को,
कीर्तन में बुलाया है,
ना.. ना.. ना..,
हम सबसे मिलने का खयाल,
दिल में आया है,
इसीलिए बाबा ने मेरे,
कीर्तन ये कराया है।।5।।

श्रीमद श्याम जी के संतुष्टि से हम अपने जीवन को सही दिशा में ले जा सकते हैं, और इस भजन के माध्यम से हम सभी अपने जीवन में श्याम जी की कृपा का अनुभव करते हैं। इसीलिए बाबा ने मेरे कीर्तन ये कराया है जैसे भावनाओं को महसूस कर के तेरे बगैर सांवरे मेरा कोई नहीं, चाहत मेरी यही है वो दिन भी तुम दिखाओ और जो भी मुझे मिला है तेरे दर से ही मिला है जैसे अन्य भजनों को पढ़ें और श्याम जी के प्रेम में खुद को समर्पित करें। जय श्री श्याम! 🙏💙

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