Datar Lagaye Paar Mujhko Jitni Bhi Darkar
दातार लगाए पार,
मुझको जितनी भी दरकार,
मेरा पल पल साथ निभाए,
मेरा सांवरिया सरकार,
दातार लगाये पार,
मुझको जितनी भी दरकार।।
मेरा घर परिवार चलाए,
खुशियों के दीप जलाएं,
बिन मांगे मेरा बाबा,
अनमोल रतन बरसाए,
सुमिरन भजनों भावों से,
सुमिरन भजनों भावों से,
मैं रोज करूँ दीदार,
दातार लगाये पार,
मुझको जितनी भी दरकार।।
तक़दीर बनाने वाले,
बाबा से मिलाने वाले,
शुकराना तेरा दिल से,
खाटू ले जाने वाले,
जुग जुग जियो तुम प्यारे,
जुग जुग जियो तुम प्यारे,
तेरा मौज करे परिवार,
दातार लगाये पार,
मुझको जितनी भी दरकार।।
कभी श्याम नाम की माला,
कभी जगमग ज्योत उजाला,
कभी शंख आरती गूंजे,
मन मंदिर बन गया आला,
मेरा तन मन झूमे ‘लहरी’,
मेरा तन मन झूमे ‘लहरी’,
क्यों फिकर करूँ बेकार,
दातार लगाये पार,
मुझको जितनी भी दरकार।।
दातार लगाए पार,
मुझको जितनी भी दरकार,
मेरा पल पल साथ निभाए,
मेरा सांवरिया सरकार,
दातार लगाये पार,
मुझको जितनी भी दरकार।।