सावन का महीना भक्तों के लिए विशेष होता है, क्योंकि यह प्रेम, भक्ति और उल्लास का प्रतीक है। सावन में झुलाओ झूला हमारे बांके बिहारी को भजन उसी मधुर भावना को दर्शाता है, जब भक्त अपने प्रिय ठाकुर जी को झूला झुलाने का सौभाग्य प्राप्त करता है। वृंदावन, बरसाना और गोकुल में यह झूला उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जहाँ भक्तगण अपने बांके बिहारी को झूले में बिठाकर मधुर कीर्तन करते हैं।
Sawan Me Jhulao Jhula Hamare Banke Bihari Ko
सावन में झुलाओ झूला,
हमारे बांके बिहारी को,
बांके बिहारी को,
हमारी राधा प्यारी को,
सावन में झुलाओं झूला,
हमारे बांके बिहारी को।।1।।
फूलन के बंगले में बिराजे,
बांके बिहारी जी,
मन भावन है श्रृंगार,
हमारो बांके बिहारी को,
सावन में झुलाओं झूला,
हमारे बांके बिहारी को।।2।।
निधिवन में तो झूला झूले,
बांके बिहारी जी,
दे झोंटा सब ब्रज नार,
हमारो बांके बिहारी को,
सावन में झुलाओं झूला,
हमारे बांके बिहारी को।।3।।
श्री हरिदास के प्यारे प्यारे,
बांके बिहारी जी,
गुण गाओ सब मिल आज,
हमारो बांके बिहारी को,
सावन में झुलाओं झूला,
हमारे बांके बिहारी को।।4।।
सावन में झुलाओ झूला,
हमारे बांके बिहारी को,
बांके बिहारी को,
हमारी राधा प्यारी को,
सावन में झुलाओं झूला,
हमारे बांके बिहारी को।।5।।
बांके बिहारी की झूलन लीला में जो भक्त एक बार रम जाता है, वह उनके प्रेम में खो जाता है। उनके इस माधुर्य और आनंद को किशोरी किशन झूला पर विराजे, बरसाने में होली खेल रहे हैं नंदलाल, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और सावन के इस पावन अवसर पर श्रीकृष्ण की भक्ति में मग्न होकर अपने मन को रसमय बनाएं। जय श्री राधे-कृष्ण! 🙏💛