बीच भवर में नाव फसी है पकड़ो तुम पतवार — यह भजन श्याम जी की कृपा और आशीर्वाद की महत्वपूर्ण आवश्यकता को दर्शाता है। जब जीवन की नाव भवारों और समस्याओं में फंस जाती है, तो श्याम जी की शरण ही एकमात्र सहारा बनती है। भजन में बताया गया है कि आध्यात्मिक उथल-पुथल के बीच, अगर हम श्याम जी की शरण में जाते हैं, तो वह हमें दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। इस भजन के माध्यम से हम यह समझते हैं कि श्री श्याम जी ही हमारे जीवन के पतवार हैं और उनकी सहायता से ही हम जीवन की कठिनाइयों से बाहर निकल सकते हैं।
Bich Bhawer Me Naw fasi Hai Pakado Tum Patwar
बीच भवर में नाव फसी है,
पकड़ो तुम पतवार,
ओ बाबा पकड़ो तुम पतवार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।1।।
तुम्ही पे है विश्वास,
तुम्ही से आस मेरी,
छाई घटा घनघोर दिखे ना छोर,
अटक गई सांस मेरी,
तूफानों में दीप जलाए,
कब से खड़ा मझधार,
ओ बाबा कब से खड़ा मझधार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।2।।
सुना है हारे का,
बस एक सहारा हो,
कोई ना ऐसा दास पकड़ तूने हाथ,
जिसे ना तारा हो,
आज कहां त तुम खो गए बाबा,
पकड़ो ना मेरा हाथ,
पकड़ो ना मेरा हाथ,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।3।।
मेरी लाज तेरे हाथ,
करो ना मनमानी,
‘विशु’ गया जो हार सुनो जी सरकार,
बड़ी होगी बदनामी,
छूट गया जो साथ हमारा,
छूट गया जो साथ हमारा,
पछताओगे सरकार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।4।।
बीच भवर में नाव फसी है,
पकड़ो तुम पतवार,
ओ बाबा पकड़ो तुम पतवार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार,
नैया हमारी तुम बिन,
उतरेगी कैसे पार।।5।।
बीच भवर में नाव फसी है पकड़ो तुम पतवार भजन सुनने से यह स्पष्ट होता है कि जब जीवन में कोई समस्या उत्पन्न होती है और रास्ता नहीं मिलता, तो श्याम जी की शरण में जाने से हमारे रास्ते स्पष्ट हो जाते हैं। जीवन के इन भवरों में श्याम जी ही हमें सच्ची दिशा और राह दिखाते हैं। जैसे कि मुझे नाथ अब सम्भालो और तेरे बगैर सांवरे मेरा कोई नहीं भजन हमें याद दिलाते हैं कि केवल श्याम जी ही हमारे जीवन के उथल-पुथल को शांत कर सकते हैं। जय श्री श्याम! 🙏