जब भक्ति सच्ची हो और हृदय में श्याम बाबा के दर्शन की तड़प हो, तो भक्त उन्हें हर गली, हर मोड़ पर खोजने लगता है। बाबा को ढूंढता हूँ खाटू की हर गली में भजन इसी अनन्य भक्ति को प्रकट करता है, जहाँ भक्त अपनी पूरी श्रद्धा और प्रेम से बाबा की एक झलक पाने के लिए खाटू नगरी की हर गली में भटकता है। आइए, इस भजन को पढ़ें और श्याम बाबा की भक्ति का यह मधुर अनुभव करें।
Baba Ko Dhundhta Hu Khatu Ki Har Gali Me
जयपुर की हर गली में,
रींगस की हर गली में,
बाबा को ढूंढता हूँ,
खाटू की हर गली में।।1।।
खाटू गया तो सोचा,
मंदिर में बैठा होगा,
आते जाते प्रेमी को,
दर्शन वो देता होगा,
गुजरी की हर गली में,
गजरे की हर कली में,
बाबा को ढूँढता हूं,
खाटू की हर गली में।।2।।
तोरण द्वार में ढूँढा,
श्याम कुंड में ढूँढा,
व्याकुल मन ने श्याम को,
कहाँ कहाँ नहीं ढूँढा,
नरसी की हर गली में,
कर्मा की हर गली में,
बाबा को ढूँढता हूं,
खाटू की हर गली में।।3।।
कीर्तन में जाके देखा,
भजनो में श्याम होगा,
बनके सहारा अंकित की,
नैया चलता होगा,
श्यामा की हर गली में,
राधा की हर गली में,
बाबा को ढूँढता हूं,
खाटू की हर गली में।।4।।
जयपुर की हर गली में,
रींगस की हर गली में,
बाबा को ढूंढता हूँ,
खाटू की हर गली में।।5।।
श्याम बाबा की भक्ति में जो एक बार खो जाता है, वह जीवन भर उनके ही दर्शन के लिए तड़पता रहता है। उनकी इस अपार कृपा और दर्शन की तड़प को मुझको खाटू बुलाने लगा है, चालो खाटू जी दरबार, श्याम की बोल के जय जयकार, लाखों नमन है बाबा तेरे दरबार को, मेरे श्याम का उत्सव है, भक्तों तुम्हें आना है जैसे अन्य भजनों में भी अनुभव किया जा सकता है। आइए, इन भजनों को भी पढ़ें और श्याम बाबा की भक्ति में लीन होकर उनके प्रेम और आशीर्वाद का अनुभव करें। जय श्री श्याम! 🙏💛